Naxali Attack

खुलासा हुआ है कि पैसों की किल्लत से जूझ रहे नक्सली अब खेती-किसानी करवा रहे हैं। इस बात का पर्दाफाश उस वक्त हुआ जब छत्तीसगढ़ (Chhattisgath) के दंतेवाड़ा जिले के बारसूर-चित्रकोट रोड से नक्सली सहयोगी को पकड़ा गया।

झारखंड के सिमडेगा में दो इनामी नक्सलियों ने सरेंडर किया है। दोनों ही खूंखार नक्सलियों ने सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर हथियार डाले हैं। सरेंडर करने वाले दोनों नक्सली भाकपा माओवादी संगठन से जुड़े थे।

एसपी अजय लिंडा के मुताबिक, एक गुप्त सूचना के आधार पर रांची के कामड़े से पुलिस ने देववंश को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार नक्सली आठ वारदातों का मुख्य आरोपी है।

नक्सलियों ने इस पत्र में सांसद संतोष पांडेय को धमकी देते हुए लिखा है कि आप आदिवासियों से दूर रहें वरना आपकी हत्या कर दी जाएगी। विकास की बात आप शहरों में जाकर करें।

2011 में मध्य विद्यालय परछा के भवन को बारूदी सुरंग से विस्फोट कर उड़ाने, अमहुआ में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ समेत अन्य नक्सली वारदातों में इन नक्सलियों का हाथ रहा है। पुलिस को इनकी तलाश पिछले आठ सालों से थी।

सात साल से फरार नक्सली लोबो सुरीन को छोटानागरा पुलिस ने गिरफ्तार कर 5 सितंबर को जेल भेज दिया। इस नक्सली को सलाई बाजार से गिरफ्तार किया गया।

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