Nargis Dutt

नरगिस (Nargis) को 1950 के दशक में शुरू हुए भारतीय 'सिनेमा के स्वर्णयुग' से जोड़कर देखा जाता है। कॉन्वेंट स्कूल में पढ़नेवाली इस लड़की ने बचपन में डॉक्टर बनने की ख्वाहिश पाली थी, लेकिन उसने पांच साल की उम्र में 'तलाश-ए-हक' के लिए कैमरे का सामना किया।

कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुनील दत्त की नौकरी एक एड एजेंसी में लगी। यहीं से उन्होंने रेडियो सीलोन में रेडियो जॉकी बनने का रास्ता पकड़ा। रेडियो जॉकी के रूप में वो काफी पसंद किए गए।

यह भी पढ़ें