Militants

सुरक्षाबलों ने भी एक आतंकी को मार गिराया है। जिसकी पहचान प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आंतकी अब्दुल कयूम डार के तौर पर हुई है और वह पुलवामा के लारू काकापोरा का रहने वाला था।

इस घटना के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके में नाकेबंदी करके सघन चेकिंग शुरू कर दिया है। जल्द ही इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकियों (Militants) के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।

अमेरिका में हुए 11 सितम्बर के हमलों के 20 साल बाद भी ऐसे नेता हैं जो बिना किसी पछतावे के ओसामा बिन लादेन का, एक शहीद के रूप में बचाव करना जारी रखते हैं।

श्रीगुफवाड़ा इलाके में पुलिस नाके पर तैनात जवानों ने एक बाइक पर सवार होकर जा रहे तीन लोगों को रोका। लेकिन ये तीनों पुलिस को देखते ही भागने लगे। जिन्हें मुस्तैद पुलिस ने दौड़ा कर दबोच लिया।

सुरक्षाबलों ने तीनों घुसपैठियों के पास से करोड़ो रुपये के 36 किलो ड्रग्स बरामद किये हैं। फिलहाल स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है अपनी जांच शुरू कर दी है।

गिरफ्तार आतंकी लश्कर के मुखौटा संगठन टीआरएफ के लिए काम करता था और सरहद पार बैठे आंतकी आकाओं के आदेश पर जिले में एक बार फिर स्थानीय आतंकवाद को पुनर्जीवित करने का काम कर रहा था।

मारे गये आतंकी की पहचान शोपियां जिले के बोंगाम निवासी मलिक उर्फ मूसा के रूप में हुई। वह वर्ष 2020 से ही प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के लिए काम कर रहा था।

आईजीपी विजय कुमार ने बताया कि पुलवामा मुठभेड़ में मारे गये जैश के चार आतंकियों (Terrorists) में एक पाकिस्तानी आतंकी कफील उर्फ छोटू भी शामिल है।

मारा गया आतंकी लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन दी रेसिडेंस फ्रंट का सक्रिय सदस्य था। सुरक्षाबलों को उसके पास से एक एके-47 रायफल के अलावा अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है।

सीमा पार लॉन्चिंग पैड्स पर मौजूद विदेशी मूल के आतंकी घातक हथियारों से लैस हैं। उनमें अधिकतर अफगानिस्तान से लौटे हैं, जो पीओके स्थित आईएसआई के ट्रेनिंग सेंटर पर हमले की तैयारी में हैं। 

सुरक्षाबलों को इस गिरफ्तारी के दौरान आतंकी (Militant) के पास से एक पिस्टल, दो मैगजीन, 16 कारतूस, गोला-बारूद के अलावा अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई है।

गिरफ्तार तीनों आतंकी मददगार (Terrorist Associates) पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करते थे। इनमें से एक पूर्व आतंकी भी शामिल है।

फायरिंग की चपेट में आने से तीन सैन्यकर्मी और एक पुलिसकर्मी घायल हो गये। जिन्हें फौरन इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन गंभीर रूप से घायल पुलिसकर्मी रोहित चिब को बचाया नहीं जा सका और वह अस्पताल में ही शहीद हो गये।

हसनपोरा इलाके में करीब 8 घंटे चली सुरक्षाबलों और आतंकियों (Terrorists) के बीच मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी मार गिराये गये हैं। इस दौरान भारी संख्या में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद हुआ है।

अभी भी मकान में एक आतंकी छिपा हुआ है और वह रह-रह कर जवानों को निशाना बनाते हुये फायरिंग कर रहा है। लेकिन जवान उससे सरेंडर करवाने के लिए स्थानीय लोगों की मदद ले रहे हैं।

मुठभेड़ के बाद छानबीन में पता चला कि मारे गये तीनों आतंकी प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे। इनमें से एक पाकिस्तानी नागरिक है जो कि जैश का कुख्यात कमांडर भी है।

लश्कर (Lashkar-e-Taiba) के इस आतंकी हाफिज ने ही पिछले महीने बांदीपोरा में दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी और उसके बाद से ही श्रीनगर के हरवान इलाके में भाग आया था। 

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