Kargil War: ये हैं परमवीर और महावीर चक्र विजेता, दुश्मनों पर कहर बनकर टूट पड़े थे
भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था। युद्ध में हमारे सैनिक दुश्मनों पर काल बनकर टूट पड़े थे
टाइगर हिल को 1999 के कारगिल युद्ध में क्यों अहम माना गया? यहां जानें
पाकिस्तान भी टाइगर हिल (Tiger Hill) की अहमियत को जानता था और वह इस पर कब्जा करने की फिराक में था लेकिन भारतीय सेना ने पहले ही इसपर कब्जा कर लिया था।
1999 का युद्ध: 18 हजार फीट की ऊंचाई और भारतीय सेना का शौर्य, जानें युद्ध से जुड़ी ये खास बातें
युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया। पाकिस्तान मानता है कि उसके करीब 357 सैनिक ही मारे गए थे। वहीं युद्ध में भारत के 527 जवान शहीद हुए।
सीजफायर की घोषणा होने तक अपनी पोस्ट से हटने से कर दिया था इनकार, ऐसे थे ‘परमवीर चक्र’ पाने वाले मेजर होशियार सिंह
15 दिसंबर 1971 के दिन को गोलंदाज फौज की तीसरी बटालियन का नेतृत्व मेजर होशियार कर रहे थे। बटालियन को आदेश दिया गया कि बसंतर नदी के पार तैनाती लें।
कारगिल युद्ध: …जब मिग विमानों के जरिए Air Force ने पाक के कब्जे वाले इलाकों पर गिराए बम
कारगिल युद्ध में सेना को लीड करने वाले कई अधिकारियों ने कई मौकों पर कहा है कि भारतीय वायुसेना के हवाई हमले से दुश्मन का मनोबल टूटा था।
‘हमें रोटी नहीं सिर्फ गोली चाहिए’ थी, कारगिल में दुश्मन को ढेर करने वाले जवान ने सुनाया किस्सा
युद्ध के दिनों को याद करते हुए नायक दीपचंद ने अपने अनुभवों और उस दौरान किन परिस्थितियों में जीत हासिल हुई थी इसका जिक्र किया है।
कारगिल युद्ध पर बनाई गईं ये फिल्में नहीं देखीं तो फिर कुछ नहीं देखा
Kargil Viyay Diwas: भले ही 1999 के युद्ध में शामिल कुछ वीर योद्धा हमारे बीच नहीं हैं, पर उनके पराक्रम और साहस को सुनकर भारत के हर नागरिक सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। आज हम आपको कारगिल युद्ध 1999 पर बनी कुछ फिल्मों के बताते हैं।
कारगिल के इस योद्धा ने 19 साल तक लड़ी पेंशन की लड़ाई लेकिन नहीं मानी हार
उन्होंने कारगिल युद्ध की सबसे दुर्गम चोटी टोलोलिंग पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देकर जीत हासिल की थी। इस दौरान उन्हें गोली लगी और वह घायल हो गए थे।
Kargil Vijay Diwas: राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी ने शहीदों को किया नमन, कहा…
Kargil Vijay Diwas: 26 जुलाई को हर साल करगिल दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुश्किल परिस्थियों में हमारे जांबाजों ने हिम्मत नहीं हारी और पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर भगाया था। आज पूरा देश उन वीर शहीदों को नमन कर रहा है, जिन्होंने देश की रक्षा में अपनी जान कुर्बान कर दी थी।
कारगिल युद्ध पर PM मोदी ने कहा- PAK ने पीठ में छुरा घोंपा, भारतीय जवानों ने दिखाया पराक्रम
पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में कारगिल को याद किया और पाकिस्तान पर निशाना साधा।
कारगिल युद्ध: Pak ने इन पोस्ट पर किया था कब्जा, सेना ने दुश्मनों को भगा-भगाकर मारा और फहराया तिरंगा
कारगिल में भारतीय सेना के हथियारों ने अपनी ऐसी छाप छोड़ी जिसको याद कर आज भी पाकिस्तान थर-थर कांप उठता है।
कारगिल युद्ध का वीर सपूत जिसने हथियार खत्म होने के बाद भी दुश्मनों का डटकर किया था मुकाबला
युद्ध में दुश्मनों से लड़ते वक्त हथियार खत्म हो गए लेकिन देश के लिए कुछ कर गुजरने की दृढ़ इच्छा ने उन्हें पीछे हटने नहीं दिया और वह आगे बढ़ते रहे।
कारगिल विजय: मेरठ से भेजी गई थी सेना की ये खास रेजीमेंट, शौर्य की गाथा सुन सीना हो जाएगा गर्व से चौड़ा
जंग में मेरठ के रणबांकुरों ने भी अद्भुत पराक्रम का परिचय दिया था। मेरठ से सेना की दो रेजीमेंट खास तौर पर कारगिल हिल पर कब्जा करने के लिए रवाना की गईं।
Kargil Vijay Diwas: “जमाने भर में मिलते हैं आशिक कई‚ मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता”
कारगिल में शहीद हुए जवानों की शहादत को कोई नहीं भुला सकता। संपूर्ण कृतज्ञ राष्ट्र असंख्य वीर शहीदों का हमेशा ऋणी रहेगा‚ जिन्होंने कारगिल की लड़ाई (Kargil War) में अपने अतुल्य साहस का प्रदर्शन करते हुए देश की एकता एवं अखंडता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
भारत और पाक के बीच 1972 में क्यों हुआ था शिमला समझौता? कारगिल से भी जुड़ा है कनेक्शन
भारत ने समझौते के तहत सेना को पीछे बुला लिया पर पाक ने ऐसा नहीं किया। पाकिस्तानी सेना के 5 हजार जवानों ने कारगिल की महत्वपूर्ण पोस्टों पर कब्जा कर लिया।
कारगिल पर कब्जा करने की नापाक कोशिश में PAK ने रची थी ये साजिश, सेना ने ऐसे सिखाया था सबक
सेना ने एक के बाद एक ऑपरेशन लॉन्च कर पाक सेना के कब्जे वाली पोस्ट पर फतह हासिल कर तिरंगा लहराया और पाकिस्तानियों को कारगिल से ही खदेड़ दिया गया।
कारगिल युद्ध में 527 जवान हो गए थे शहीद, पाकिस्तान को हर मोर्चे पर फेल कर दी कुर्बानी
युद्ध में भारत के 1300 से ज्यादा जवान घायल हुए थे। पाक सेना को भारत से कहीं ज्यादा नुकसान हुआ। उसने अपने सैनिकों की लाशें लेने से भी इनकार कर दिया था।