kargil

हमला पैटन टैंक के साथ किया गया था। कश्मीर के चार ऊंचाई वाले इलाके पीरपंजाल, गुलमर्ग, उरी और बारामूला पर कब्जे के लिए इस ऑपरेशन को चलाया था।

पाक को भारत के इन खतरनाक हथियारों का पता चला था तो उसकी रातों की नींद उड़ गई थी। युद्ध (Kargil War 1999) के 17 दिनों में हर रोज प्रति मिनट में एक राउंड फायर किया गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। पाकिस्तान आजादी के बाद से अबतक भारत के साथ विश्वासघात करता आया है। लेकिन हर बार नुकसान झेलकर वापस लौटा है।

भारतीय सेना (Indian Army) के जवान सरहद पर तैनात रहकर देश की रक्षा करते हैं। हमारे वीर सपूत किसी भी सूरत में सीमा की रक्षा करते हैं। विपरीत परिस्थितियों में दुश्मनों को माकूल जवाब भी देते हैं।

हमारे वीर सपूत परिवार से दूर रहकर देश की रक्षा करते हैं और जंग के मैदान में दुश्मनों को नेस्तनाबूद करते हैं। शहीद सैनिकों की पत्नियों की कई ऐसी कहानी जो कि पति की शहादत से कतई टूटी नहीं और अपने हौसले से पूरी दुनिया के लिए मिसाल पेश किया।

Indian Army Weapons: टैंक का वजन 48 टन है इस वजह से यह एक हल्का टैंक ही माना जाता है। दिन हो चाहे रात यह हर समय इस्तेमाल किया जा सकता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) में भारतीय सेना (Indian Army) ने जबरदस्त पराक्रम दिखाया था। इस युद्ध में पाकिस्तान (Pakistan) को हराने के लिए हमारे जवान किसी भी हद तक गुजर गए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में भीषण लड़ाई लड़ी गई थी। इस युद्ध में दुश्मनों को बुरी तरह से हराया गया था। भारतीय सेना (Indian Army) के वीर सपूतों ने दुश्मनों को हर मोर्चे पर विफल साबित करने के लिए हर मुश्किल चुनौती का सामना किया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने हर मोर्चे पर दुश्मनों को विफल किया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने दुश्मनों को बुरी तरह से शिकस्त दी थी। सेना के जवानों ने दिखा दिया था कि भारत मां की जमीन पर आंख उठाने वालों का क्या हाल किया जाता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारतीय सेना (Indian Army) ने जबरदस्त जीत हासिल की थी। कारगिल का नाम सुनते ही भारतीय जवानों के बहादुरी के किस्से याद आते हैं।

कुछ सैनिक ऐसे होते हैं जिनके शौर्य के किस्से हमेशा याद किए जाते हैं। ऐसे ही एक जवान लेफ्टिनेंट प्रवीण तोमर (Lieutenant Praveen Tomar) भी थे। शहीद होने से पहले उन्होंने एक खत लिखा था। 

पाकिस्तानी सैनिकों ने बेहद ही चालाकी के साथ उस रास्ते को रोक लिया था जहां से सेना के जवानों, हथियारों और अन्य जरूरी सामान की आवजाही होनी थी।

Captain Vijayant Thapar: भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए युद्ध में कैप्टन विजयंत थापर (Captain Vijayant Thapar) ने बेहद ही अहम भूमिका निभाई थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सैनिकों का पराक्रम इतना भयंकर था जिसे याद कर दुश्मन देश आज भी थर्र-थर्र कांप उठता होगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का भीषण युद्ध ((Kargil War) लड़ा गया था। पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय वीर सैनिकों ने जमकर प्रहार किया था। पाकिस्तान को बुरी तरह से हराकर ही हमारे वीरों ने राहत की सांस ली थी।

स्वीडन की बनी यही तोप सेना के बेहद काम आई थी। बोफोर्स तोपों ने तोलोलिंग की चोटी के साथ ही द्रास सेक्टर की हर चोटी में छिपे दुश्मन पर निशाना लगाया था।

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