नक्सली रह चुकी इस महिला की कहानी उन लोगों के लिए सीख है जो हथियार उठाने के लिए बेताब हैं
"नक्सली संगठन में हमें इंसानों को निशाना बनाने के लिए सिखाया गया था। पर यहां सब-कुछ बहुत अलग है। यहां किसी भी निर्दोष को निशाना नहीं बनाया जाता। यहां बच निकलने या भागने के लिए नहीं सिखाया जाता, बल्कि सामना करने के लिए सिखाया जाता है।"
देश सेवा सिर्फ सरहद पर जाकर ही नहीं होती, यकीन नहीं तो रायपुर के दूबे जी से मिल लीजिए
रायपुर (छत्तीसगढ़) के मनीष दूबे सेना में जाना चाहते थे। वह सेना में तो नहीं जा सके पर सैनिकों और सेना के प्रति प्रेम और सम्मान प्रदर्शित करने के लिए उन्होंने एक अनोखा रास्ता खोज निकाला। उन्होंने रायपुर में एक रेस्टोरेंट खोला, जिसमें जवानों और उनके परिवार के सदस्यों को किफायती दर पर भोजन मिलता है।
कभी पहचान थी नक्सली की, आज हैं बच्चों के फेवरेट साइंस टीचर
करीब 71 साल के कुंडू इस बात में विश्वास रखते हैं कि विज्ञान की शिक्षा ही वह रास्ता है, जो इन गरीब बच्चों के लिए सुनहरे भविष्य के रास्ते खोल सकती है।
नक्सल समस्या के लिए कुख्यात दंतेवाड़ा की नई पहचान, नम्रता जैन ने रचा इतिहास
नक्सली हमलों और नक्सलियों के गढ़ के रूप में कुख्यात रहे छत्तीसगढ़ के बस्तर की पहचान अब बदल रही है।...
जिस खाकी वर्दी को देख कर उठा लेता था हथियार, आज उसी वर्दी को सिल कर करता है गुजारा
दो साल पहले तक वह एक खूंखार नक्सली था, जिसके सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम था। माओवादियों के दल में ऊंची रैंक पर था और उनकी विशेष-समिति का सदस्य भी था। पर अब अपनी गलतियों का प्रायश्चित करने के लिए सिलता है पुलिस की वर्दी।
नक्सल प्रभावित सुकमा की इस बेटी की सफलता को सलाम
SUKMA GIRL RANI RAI : जहां चाह है वहां राह है- इस कहावत को चरितार्थ किया है रानी राय ने। गोली-बारूद...
यह राष्ट्रीय सुरक्षा नहीं है!
संसदीय लोकतंत्र की मर्यादा कहती है भाषा शालीन होनी चाहिए। आपकी भाषा से किसी की मर्यादा को ठेस नहीं पहुंचनी...
अब जाकिर मूसा के दिन भी लद गए
खूंखार आतंकी जाकिर मूसा का गिरोह अब खात्मे की कगार पर है। दक्षिणी कश्मीर के त्राल इलाके में मूसा गैंग...
नक्सलियों के गढ़ में विकास की बयार, दिख रहा सरकारी योजनाओं का असर
झारखंड का लातेहार जिला नक्सली गतिविधियों के कारण हमेशा से चर्चा में रहता है। इसकी भौगोलिक स्थिति भी इसे नक्सलियों की मौजूदगी से पूरी तरह उबरने नहीं दे रही। लेकिन केन्द्र और राज्य की सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और सरकार के बहुआयामी प्रयास से अब लातेहार का परिदृश्य बहुत हद तक बदलने लगा है।