Jammu kashmir

बीते दो सालों में कश्मीर (Kashmir) की तस्वीर काफी बदल गई है। आतंकवाद और अलगाववाद लगातार कमजोर हो रहा है। सरकार और सुरक्षाबलों की लगातार कोशिशों की वजह से आम कश्मीरी उनसे जुड़ाव महसूस करने लगा है।

इस एनकाउंटर के बाद सुरक्षाबलों ने आस-पास के इलाकों में भी आतंकवादियों (Militants) की तलाशी तेज कर दी है। घटनास्थल के नजदीकी इलाकों में आतंकवादियों को तलाशा जा रहा है। 

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में सांबा जिले के जतवाल में चार संदिग्ध लोगों को देखा गया। वे वर्दी पहने हुए थे और उनके हाथों में बैग थे। संदिग्ध लोगों को इलाके में देखे जाने के बाद से सुरक्षाबलों ने यहां तलाशी अभियान शुरू कर है।

अंग्रेजों से आजादी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच 1947-48 के दौरान युद्ध लड़ा गया था। पाकिस्तान कश्मीर (Kashmir) हड़पने की फिराक में था लेकिन भारतीय वीरों ने ऐसा नहीं होने दिया।

जम्मू एयरपोर्ट के एयरपोर्ट स्टेशन (Air Force Station) पर हमले के लिए लाइट ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। जिसने हमले के लिए एलओसी के नजदीक मंगला से ड्रोन ने उड़ान भरी थी।

पाकिस्तान (Pakistan) फिलहाल भारत सरकार द्वारा शुरू किये गये जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के परिसीमन को लेकर बेहद परेशान है।

राज्य (Jammu Kashmir) में सुरक्षा के भी चाक-चौबंद इंतजाम किये गये हैं। किसी भी आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

पुलिस को आतंकवादियों (Terrorists) के मददगारों के सक्रिय होने की सूचना मिली थी। जिसके आधार पर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की ज्वाइंट टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1948 के बीच कश्मीर को लेकर भीषण युद्ध (War  of 1948)  छिड़ा था। भारतीय सेना (Indian Army) ने इस युद्ध मे पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया था।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इस बात की पुष्टि करते हुये बताया कि सेना (Indian Army) के जवान ने पीओके के एक नौजवान को हिरासत में लिया है।

सिपाही अरुण सिंह (Arun Singh) शुक्रवार को सेधाउ से तंगीमार्ग की ओर गश्त पर निकले थे। इस दौरान वह एक लकड़ी के पुल को पार करते समय अचानक से फिसल कर नीचे बह रही विश्वा नदी में गिर गये।

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कश्मीर में बैठे अपने गुर्गों के जरिए आतंकी हमले की रणनीति में लगातार बदलाव कर रहा है। उसके निशाने पर कम उम्र के स्थानीय कश्मीरी नौजवान हैं।

भारत-पाकिस्तान के बीच एलओसी (LoC) पर सीजफायर (Ceasefire) का आज 100वां दिन है। इस मौके पर सेना प्रमुख (Army Chief) जनरल एमएम नरवणे (General MM Naravane) 2 जून को दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर पहुंचे। सेना प्रमुख ने एलओसी की फार्वर्ड लोकेशन का दौरा किया।

26-27 मार्च को बांग्लादेश में पीएम मोदी की दो दिवसीय यात्रा को लेकर हिफाजत के समर्थकों द्वारा की गई हिंसा के दौरान हाटहाजारी में 4 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।

सेना के अधिकारी ने बताया कि एक ओर जहां लोग कोरोना का टीका लेने से घबरा रहे थे, वहीं 120 साल की ढोली देवी ने 17 मई को खुद टीका लगवाया।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल युद्ध (Kargil War) लड़ा गया। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। युद्ध में भीषण गोलीबारी और बमबारी हुई थी।

डासना मंदिर के महंत नरसिंहानंद एक विशेष जाति समुदाय के निशाने पर हमेशा रहते हैं। यही कारण भी रहा कि उन्हें इससे पहले भी पीसीआई से जान से माने की धमकी मिल चुकी है।

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