Jammu Kahsmir

सेना को इलाके दो-तीन आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। इस इनपुट पर कार्रवाई करते हुए सेना की 22 राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और सीआरपीएफ ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया।

इस साल के पहले छह महीनों में पत्थरबाजी की करीब 40 घटनाएं हुईं, जिसमें करीब 100 लोग हिरासत में लिए गए। अधिकारियों के अनुसार, 19 जून 2018 को राज्यपाल शासन लागू होने के बाद से घाटी में सुरक्षा की स्थिति में सुधार आया है।

अनंतनाग जिले में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के एक नेता के पुलिस सुरक्षाकर्मी की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। यह घटना 14 जुलाई की है।

इन्हीं अलगाववादी नेताओं के अपने बच्चे या तो विदेशों में पढ़ाई कर रहे हैं या फिर नौकरियां कर रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सैकड़ों ऐसे अलगाववादी नेताओं की लिस्ट जारी की है जिनके बच्चे विदेशों में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।

जम्‍मू-कश्‍मीर के बडगाम में 28 जून की सुबह सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में एक आतंकी को मार गिराया। पुलिस के मुताबिक यह गोलाबारी अबगाम इलाके के चेकपोरा इलाके में हुई।

एक खुफिया इनपुट पर अवंतीपोरा में त्राल के वन क्षेत्र ब्रानपथरी में पुलिस और 42 राष्ट्रीय राइफल्स के सैनिकों द्वारा संयुक्त रूप से सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया था।

जम्मू कश्मीर पुलिस भटके हुए नौजवानों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। घाटी में सुरक्षाबलों का यह प्रयास रंग भी ला रहा है। दरअसल, घाटी में आतंकी संगठन किशोरों और युवाओं को बरगला कर उन्हें हिंसा के रास्ते पर ले जाते हैं।

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद अनिल घायल हो गए थे।

केतन और उनकी टीम ने मकान में घुसे दो आतंकवादियों को मौके पर मार गिराया। लेकिन एक आंतकवादी भागने लगा तो केतन और उनकी टीम ने उस पर फायरिंग की।

जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सोमवार को आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर कुल तीन हमले किए। एक के बाद एक हुए इन हमलों से सेना अलर्ट पर है।

नए साल के पहले दिन जब पूरा देश जश्न मना रहा था, तो घाटी में आतंकी खूनी खेल की तैयारी कर रहे थे। आतंकियों के खूनी मंसूबे का शिकार बने जम्मू कश्मीर के पुलवामा में स्पेशल पुलिस अधिकारी समीर अहमद।

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