जंग की कहानी, 1962 के योद्धा की जुबानी; हड्डियां गला देने वाली ठंड में भी चीनी सैनिकों को नहीं बढ़ने दिया एक इंच आगे
भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) को हार का मुंह का देखना पड़ा था। सेना पूरी तैयारी के साथ इस युद्ध में नहीं उतरी थी, जबकि चीनी सेना पूरी तैयारी के साथ आई थी।
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भारत और चीन के बीच 1962 में युद्ध लड़ा गया था। युद्ध में चीन ने भारत को हराया था। चीन युद्ध में पुरी तैयारी के साथ उतरा था। भारतीय सेना (Indian Army) के पास युद्ध में न तो पूरे हथियार थे और न ही हड्डियां गला देने वाली ठंड में पहनने वाले कपड़े।
साल 1962 में आज ही के दिन चीन ने भारत की पीठ पर किया था वार, अक्साई चिन पर कर लिया था कब्जा
चीन ने अक्साई चिन (Aksai Chin) पर पूरी तरह कब्जा कर लेने के बाद 21 नवंबर, 1962 को युद्ध विराम और अरुणाचल सेक्टर से अपनी वापसी की घोषणा कर दी थी।
1962 का युद्ध: चीनी सेना के खिलाफ नहीं हुआ था Indian Air Force का इस्तेमाल! सहनी पड़ी थी हार
भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) का इस्तेमाल नहीं किया गया था। नतीजन भारत को हार का मुंह देखना पड़ा था।
Indo-China War 1962: चीन ने किया था भारत के भरोसे का खून, युद्ध की वो बातें जो शायद आप नहीं जानते
भारत और चीन के बीच साल 1962 में भीषण युद्ध (Indo-China War 1962) लड़ा गया था। चीन ने इस युद्ध में भारत के खिलाफ एकतरफा जीत हासिल की थी। भारत युद्ध से पहले चीन को अपना करीबी दोस्त समझ रहा था, लेकिन वह दुश्मन निकला।
Indo-China War 1962: भारत को पहला झटका वालौंग में लगा था, फिर ला-पास भी हाथ से फिसला
साल 1962 का भारत-चीन युद्ध (Indo-China War 1962) दो ऐसी सेनाओं के बीच लड़ा गया, जिसमें से एक पूरी तैयार थी तो दूसरी बिल्कुल भी नहीं। युद्ध में हमारे जवानों ने संख्या में कम होने के बावजूद चीनी सैनिकों का डटकर सामना किया था। हथियार कम पड़ने पर हैंड टू हैंड फाइट तक की थी।
Indo-China War 1962: 12 हजार भारतीय सैनिकों ने किया था 80 हजार चीनियों कड़ा मुकाबला
भारत और चीन के बीच 1962 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। चीन हमेशा से भारत की जमीन पर अपना कब्जा जमाने की फिराक में रहता है। हिमालयी बॉर्डर पर चीन के साथ भारत का सीमा विवाद सालों से चला आ रहा है।