Indian Army

पाकिस्तान भारत को हर मोर्चे पर कमजोर मान रहा था। पाकिस्तान ने सोचा था कि 1962 में चीन के हाथों मिली हार के बाद भारत कमजोर पड़ चुका है। पाकिस्तान की यह भूल उसे सबसे ज्यादा भारी पड़ गई। जंग हुई और पाकिस्तान को भारी नुकसान झेलना पड़ा।

कोरोना (Coronavirus) महामारी के बीच भारतीय सेना (Indian Army) के जवान लोगों की हर संभव मदद तो कर ही रहे हैं, साथ ही वे देश की रक्षा के लिए भी हर वक्त पूरी तरह तैयार हैं। जवान किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए हर पल तत्पर रहते हैं।

सेना प्रमुख (Army Chief) ने साफ कहा कि पाकिस्तान पर इतनी जल्दी भरोसा नहीं किया जा सकता है क्योंकि भारत-पाकिस्तान के बीच दशकों तक अविश्वास रहा है।

आईएसआई और पाक सेना चीन से भारी संख्या में ‘हाई एल्टीट्यूड सामान' की खरीदारी भी कर रही है ताकि आने वाले दिनों में बर्फीले पहाड़ों से हाई एल्टीट्यूड़ ड्रेस पहनाकर आतंकी भारतीय सीमा में भेजे जा सकें।

भारतीय सेना (Indian Army) के जवान जब-जब दुश्मनों के खिलाफ जंग के मैदान में उतरते हैं सब कांप उठते हैं। ऐसा ही 1999 के कारगिल युद्ध (Kargil War) के दौरान भी हुआ था।

भारत-पाकिस्तान के बीच एलओसी (LoC) पर सीजफायर (Ceasefire) का आज 100वां दिन है। इस मौके पर सेना प्रमुख (Army Chief) जनरल एमएम नरवणे (General MM Naravane) 2 जून को दो दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर पहुंचे। सेना प्रमुख ने एलओसी की फार्वर्ड लोकेशन का दौरा किया।

सीमा सुरक्षा बलों (BSF) के जवानों ने पाकिस्तान की इस गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान की गोलीबारी में किसी के हताहत या किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

एडिशनल मजिस्ट्रेट (Additional Magistrate) ने लोगों से 5-6 मई को शोपियां के कानिगाम में आतंकवाद-निरोधक अभियान के तहत की जा रही सुरक्षाबलों की कार्रवाई की जानकारी देने की गुजारिश की है।

यूपी के गाजीपुर में एक सैनिक के परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। असम में तैनात सेना के एक जवान की सड़क हादसे में मौत हो गई है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में लड़े गए कारगिल युद्ध (Kargil War 1999) के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) की रणनीति और सूझबुझ के चलते दुश्मन पस्त हो गए थे।

भारत और पाकिस्तान 1947 में बंटवारे के बाद से अबतक चार युद्ध (India Pakistan War) में आमने सामने हो चुके हैं। जंग के मैदान में हमेशा भारतीय सेना (Indian Army) ने पाकिस्तान को नेस्तनाबूद किया है।

साल 1964 से 1969 तक अर्जन सिंह ने वायुसेना प्रमुख का पद संभाला। उनके कार्यकाल में ही पाक के खिलाफ भारत ने ताबड़तोड़ प्रदर्शन कर 1965 की जंग में जीत हासिल की थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में कारगिल का युद्ध (Kargil War) लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को भारत ने बुरी तरह से मात दी थी। भारतीय सेना (Indian Army) ने ऐसा पराक्रम दिखाया था, जिसे देखने के बाद दुश्मन देश आज भी थर-थर कांप उठता होगा।

भारत ने पाकिस्तान के सियालकोट, लाहौर और कश्मीर के कुछ उपजाऊ इलाके जीत लिए थे। भारत बेहद फायदे में था और पाकिस्तान नुकसान में।

भारत के जवान अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। मेरठ से एक साल में 6 जवान देशसेवा के दौरान शहीद हुए हैं।

एसएससी में चयनित होने से पहले नीतिका (Nitika Kaul) दिल्ली में अपने माता-पिता के साथ रह रही थीं और उनका मानना है कि सेना की यूनिफॉर्म पहनना ही उनके पति को सच्ची श्रद्धांजलि है।

यूं तो युद्ध में हर एक जवान की अपनी अलग भूमिका होती है लेकिन कुछ जवान अपनी बहादुरी से हमेशा याद रखे जाते हैं। ऐसे ही जवान थे सूबेदार मेजर कौशल कुमार शर्मा।

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