Indian Army

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध (War of 1971) में हमारी सेना ने एकतरफा जीत हासिल की थी। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारी नुकसान झेलना पड़ा था।

युद्ध में हिस्सा लेने वाले जवान गांव नाहड़ निवासी सूबेदार मेजर अमर सिंह भी शामिल हुए थे। उन्होंने बताया है कि वे कैसे जंग के मैदान में लड़े थे।

चीन को जब-जब सबक सिखाने की जरूरत महसूस हुई है इस रेजीमेंट के जवानों ने बखूबी अपना काम किया है। यही वजह है कि इसे अन्य रेजीमेंट से बेहद ही अलग माना जाता है।

बिहार रेजीमेंट (Bihar Regiment) भारतीय सेना (Indian Army) का एक बेहद ही अहम हिस्सा है। बिहार रेजीमेंट के जवान घुसैपठ को नाकाम करने और मौके पर मोर्चा संभाल कर स्थिति को अपने कंट्रोल में लेने में माहिर होते हैं।

Indian Army Recruitment 2021: भारतीय सेना में जाने का सपना देख रहे युवाओं के लिए सुनहरा मौका है। आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में 16 अगस्त से 31 अगस्त तक सेना भर्ती रैली का आयोजन किया जाएगा।

War of 1965: युद्ध में एक वक्त ऐसा भी आया जब हमारे एक वीर सपूत ने छाती पर बम बांधकर दुश्मनों को खाक कर दिया और खुद देश के लिए शहीद हो गए।

भारत 1962 में चीन के खिलाफ युद्ध (War of 1965) में बुरी तरह से हारा था। चीन से युद्ध के तीन साल बाद पाकिस्तान ने भारत को कमजोर समझते हुए बड़ी भूल कर दी थी।

भारतीय सेना (Indian Army) ने महिला मिलिट्री पुलिस की हालही में जो भर्ती (Military Police Recruitment) निकाली थी, उसके नियमों में कुछ बदलाव हुआ है।

सैन्य अधिकारी के मुताबिक, जीवन बचाने के सैनिक के साहसिक काम ने सेना और अवाम के बीच संबंध को और मजबूती प्रदान करने का काम किया है।

भारत और पाकिस्तान बंटवारे के बाद 1948 में जंग (War of 1948) के मैदान में आमने-सामने थे। भारत और पाकिस्तान का 1947 के में विभाजन हो गया था।

अस्पताल तक पहुंचने के से पहले उन्होंने बहादुरी की मिसाल पेश कर दी थी। उन्होंने 9 दिसंबर के दिन वीरता दिखाते हुए पाकिस्तान के सेवर जेट विमान को रोके रखा था।

गलवन घाटी झड़प (Galwan Valley Violence) के एक साल पूरे हो चुके हैं। इस हिंसक झड़प में पंजाब के चीमा के नजदीकी गांव तोलावाल के गुरबिंदर सिंह शहीद हो गए थे।

हर 6 महीने में आर्मी की ये कमांडर बैठक बुलाई जाती है। जिसमें सेना से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाती है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में ऑपरेशनल क्षमताओं पर विशेष बातचीत होगी।

श्रीनगर के नौगाम इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। इस बीच जवानों ने एक आतंकी (Terrorist) को मार गिराया है

चीनी सेना भारत से 'हैंड टू हैंड' में मुकाबला नहीं कर पाई थी। इसमें कई चीनी सैनिक ढेर हुए थे। हमारे जवानों ने बेहद धारधार हथियार खुखरी का इस्तेमाल किया था।

युद्ध के 50 साल बाद भी इस गांव के लोग अपने लोगों से नहीं मिल पाए हैं, क्योंकि कब्जे के बाद पाक में रहने वाले और इन गांव में रहने वाले लोगों का संपर्क समाप्त हो गया।

सेना (Indian Army) ने एक बयान में कहा, ‘‘देश उन वीर सैनिकों का हमेशा आभारी रहेगा, जिन्होंने अत्यधिक ऊंचाई वाले सबसे कठिन इलाकों में लड़ाई लड़ी और राष्ट्र की सेवा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।’’

यह भी पढ़ें