India China Border Tension

बाइडन (Joe Biden) सरकार एक उच्च अधिकारी ने बताया कि अमेरिका सामरिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद–प्रशांत महासागर क्षेत्र में साझा मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए अपने सहयोगियों के साथ खड़ा रहेगा।

विदेश मंत्री (S Jaishankar) ने बताया कि लद्दाख की घटनाओं ने दोनों देशों द्वारा सीमा पर सैनिकों की संख्या को कम करने की प्रतिबद्धता का अनादर किया, बल्कि शांति भंग करने की इच्छा भी जाहिर की।

चीन (China) आए दिन भारत (India) के लिए नई-नई मुश्किलें खड़ी करता रहता है। सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत की परेशानी बढ़ाने के लिए ड्रैगन ने एक और चाल चली है। चीन ने भारतीय सीमा से सटे क्षेत्रों में वाईफाई सेवा का विस्तार कर दिया है।

पूर्वी लद्दाख में कई पवर्तीय इलाके में भारतीय सेना (Indian Army) के करीब 50,000 सैनिक युद्ध की तैयारियों के साथ अभी तैनात हैं। वहीं चीन ने भी इतनी ही संख्या में अपने सैनिकों को तैनात किया है।

चीन (China) अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लद्दाख, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में जानकारी प्राप्त करने के प्रयास में चीन की हरकतों का पता चला है।

एलएसी पर मुश्किल परिस्थितियों में भारतीय जवान (Indian Army) मुस्तैदी से अपनी सीमा की रक्षा के लिए रात-दिन तैनात हैं, जबकि इन हालातों का सामना करना चीनी सैनिकों (PLA Troops) के लिए मुश्किल हो रहा है।

भारत ने लद्दाख में पकड़े गए चीनी सैनिक (Chinese Soldier) को 11 जनवरी की सुबह चीनी अधिकारियों को सौंप दिया। इस सैनिक को 10 बजकर 10 मिनट पर लद्दाख के चुशुल-मोल्डो मीटिंग पॉइंट पर चीन को सौंप दिया गया।

LAC पर जारी तनाव के बीच विदेश मंत्रालय ने 8 जनवरी को कहा कि भारत और चीन ने किसी भी गलतफहमी और गलत आकलन करने से बचने के लिए जमीनी स्तर पर संवाद कायम रखा है।

भारत और चीन (China) के बीच पिछले साल मई से ही पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध जारी है। इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनों ही देशों के बीच कई चरणों की बातचीत हो चुकी है लेकिन अब तक कोई ठोस रिजल्ट निकलकर सामने नहीं आया है।

सीडीएस चीफ (General Bipin Rawat) ने बताया कि चुनौतीपूर्ण हालातों में केवल भारतीय सैनिक ही सतर्क रह सकते हैं। बॉर्डर की सुरक्षा के लिए हमेशा अपने कर्तव्यों से आगे बढ़कर काम करने के लिए तत्पर रहते हैं।

भारत पहले ही साफ कर चुका है कि लद्दाख (Ladakh) में अतिक्रमण की साजिश की कोशिश करने वाले चीन को वो जल, थल और नभ तीनों मोर्चों पर मुंहतोड़ जवाब दे सकता है। लेकिन इसके बावजूद चीन साजिश से बाज नहीं आ रहा है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने 30 दिसंबर को चीन के साथ विवाद पर बयान दिया। रक्षामंत्री ने कहा कि चीन के साथ बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है।

विदेश मंत्री (S Jaishankar) ने कहा कि एलएसी पर जो कुछ भी हुआ वह चीन (China) के हित में नहीं है क्योंकि सीमा पर चीन भारत में साख गंवाने की आशंका का सामना कर रहा है

भारत और चीन के बीच एलएसी (LAC) पर चल रहा गतिरोध सात महीने से ज्यादा लंबा हो चुका है। विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने चीन (China) के साथ पूर्वी लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच 9 दिसंबर को बड़ा बयान दिया।

LAC पर भारत के साथ जारी तनाव के बीच लगातार कोशिश की जा रही है कि विवाद को शांत किया जाए। पर चीन आए दिन कोई न कोई ऐसी हरकत कर देता है, जिससे दोनों देशों के बीच हालात और बिगड़ जाते हैं।

भारतीय जवान जमा देने वाली सर्दी में भी सरहदों की निगहबानी में डटे हैं, जबकि चीनी सैनिकों की हालत खराब हो गई है। इसलिए चीन (China) को अपनी रणनीति बदलनी पड़ रही है।

चीन (China) बातचीत की आड़ में एकबार फिर से भारत के साथ चालबाजी की तैयारी कर रहा है। चीन की सेना (PLA) ने अपने कब्‍जे वाले अक्‍साई चिन इलाके में पिछले 30 दिनों में बड़े पैमाने पर सैनिकों को तैनात किया है।

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