IED

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) को मलकानगिरी के स्वाभिमान अंचल में बड़ी कामयाबी मिली है। BSF ने नक्सलियों द्वारा लगाए गए 7 IED को नष्ट कर दिया है।

Naxalites: गोंदिया के नक्सल प्रभावित चीचगढ़ पुलिस थाना इलाके के कोसंबी के जंगलों से इस विस्फोटक को पुलिस ने बरामद किया है।

सुरक्षाबलों को नर्सरी में एक अंडर ग्राउंड ठिकाना मिला। जैश (Jaish) के इस ठिकाने पर आईईडी बनाने की फैक्ट्री थी और जैश किसी बड़े हमले की फिराक में था।

अधिकारियों ने आशंका जताई है कि इस IED को सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए छिपाया गया था। हालांकि बम निरोधक दस्ते ने इसे डिफ्यूज कर दिया है।

Jammu And Kashmir: इन आतंकियों से पूछताछ की जा रही है कि वह इन हथियारों को लेकर कहां से आए थे और कहां जा रहे थे। सूत्रों का कहना है कि ये आतंकी लोकल के हैं।

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के कुपवाड़ा (Kupwara) जिले में 7 सितंबर को सुरक्षाबलों की सक्रियता की वजह से आतंकियों के नापाक मंसूबे पर पानी फिर गया। सुरक्षाबलों ने एक बड़ा हादसा टाल दिया।

लॉकडाउन (Lockdown) के बीच कई प्रवासी मजदूर अपने घरों की तरफ पलायन कर रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से ऐसी तस्वीरें आई हैं कि लोग पैदल चल रहे हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित इलाको में मजदूरों के पैदल चलने से आईईडी (IED) ब्लास्ट का खतरा बढ़ गया है।

कराईकेला थाना क्षेत्र के जोजोदगड़ा के पास से सुरक्षाबल के जवानों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान 7 मई को नक्सलियों द्वारा सड़क पर बिछाए गए पांच शक्तिशाली आइईडी (IED) केन बम बरामद किया।

नक्सलियों द्वारा एनआरसी, सीएए, एनपीए के विरोध में 1 अप्रैल को दंडकारण्य बंद के दौरान नक्सलियों ने फिर से एक कायराना हरकत की है। नक्सलियों ने सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों पर हमले के लिए आईईडी (IED) लगाया था।

सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों ने औरंगाबाद के जंगलों में कई किलोमीटर तक एक साथ 64 आईईडी (IED) लगाया था।

नक्सलियों के नापाक मंसूबे को एक बार फिर झारखंड की गिरिडीह पुलिस और सीआरपीएफ ने नाकाम कर दिया है। सर्च अभियान के दौरान पुलिस ने डुमरी थाना क्षेत्र के कानाडीह और कर्णपुरा के बीच जंगल से 20-20 किलो के 2 आईईडी (IED) बम बरामद किया।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में जवानों को नुकसान पहुंचाने की नक्सलियों की एक बड़ी साजिश नाकाम हो गई। पोटाली से बुरगुम इलाके के बीच 10 किलो के आईईडी (IED) को जवानों ने खोज निकाला और नष्ट कर दिया।

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