Birth Anniversary: कबीर और नजीर की परंपरा का अलहदा शायर इब्ने इंशा
अपने अलबेलापन वाले मिजाज के लिए इंशा जी मशहूर थे। उनकी लिखी ‘उर्दू की आखिरी किताब’ व्यंग्य-साहित्य का बेजोड़ नमूना है।
अपने अलबेलापन वाले मिजाज के लिए इंशा जी मशहूर थे। उनकी लिखी ‘उर्दू की आखिरी किताब’ व्यंग्य-साहित्य का बेजोड़ नमूना है।