जिसने कबीर से कराया दुनिया को परिचित, उपन्यासकार हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्मदिन आज
द्विवेदी जी बेहतरीन उपन्यासकार, कवि आलोचक और निबंधकार माने जाते रहे हैं। उनकी सांस्कृतिक दृष्टि जबरदस्त थी। उसमें इस बात पर विशेष बल था कि भारतीय संस्कृति किसी एक जाति की देन नहीं है, बल्कि अनेक जातियों के सहयोग से इसका विकास हुआ है।