Hazari Prasad Dwivedi

द्विवेदी जी बेहतरीन उपन्यासकार, कवि आलोचक और निबंधकार माने जाते रहे हैं। उनकी सांस्कृतिक दृष्टि जबरदस्त थी। उसमें इस बात पर विशेष बल था कि भारतीय संस्कृति किसी एक जाति की देन नहीं है, बल्कि अनेक जातियों के सहयोग से इसका विकास हुआ है।

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