हरिशंकर परसाई: व्यंग्य को मनोरंजन के दायरे से निकाल कर बना दिया मारक हथियार
व्यंग्य को हिंदी साहित्य में एक विधा के रूप में पहचान दिलाने वाले हरिशंकर परसाई ने व्यंग्य को मनोरंजन की पुरानी एवं परंपरागत परिधि से बाहर निकालकर समाज कल्याण से जोड़कर प्रस्तुत किया।