Dantewada Naxal attack

20 मिनट चली मुठभेड़ में सुरक्षाबलों को भारी पड़ता देख नक्सली जंगल की आड़ लेकर भाग निकले। सर्चिंग के दौरान सुरक्षाबलों को नक्सलियों का कुछ सामान बरामद हुआ है।

नक्सली संगठन अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर हमले की प्लानिंग कर रहा था। पुलिस को इसकी सूचना मिल गई। जिसके बाद नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सुरक्षा बल के जवान और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है। कटेकल्याण के डब्बा इलाके में पुलिस के साथ एनकाउंटर हुआ है। मुठभेड़ में जवानों ने एक वर्दीधारी नक्सली को मार गिराया है। वहीं एक जवान शहीद हो गया है।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 9 अप्रैल को हुए नक्सली हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस हमले की जिम्मेदारी कुख्यात नक्सली साईंनाथ ने लिया है। उसने एक पर्चा जारी किया है, जिसमें इस हमले के पीछे उसका हाथ होने की बात कही गई है। साईंनाथ दंडकारण्य स्पेशल जोन और दरभा डिवीजन कमिटी का सचिव है।

शहीद दंतेश्वर मौर्य एक महीने पहले ही छुट्टियों में घर आए थे। 12 अप्रैल को उनकी भतीजी की शादी है, जिसके लिए उन्हें दो दिन बाद ही घर जाना था। पर शादी के मौके पर घर में मातम का माहौल है।

छत्तीसगढ़ में लोकसभा के पहले और दूसरे चरण के मतदान 11 अप्रैल और 18 अप्रैल को होने हैं। तीसरे चरण के मतदान 23 अप्रैल को होंगे। चुनाव आयोग ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के लिए तीनों चरण के मतदान अपने तय कार्यक्रम के अनुसार ही होंगे।

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 9 अप्रैल को नक्सलियों ने एक बड़े हमले को अंजाम दिया। 2019-लोकसभा चुनाव से ठीक दो दिन पहले नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर भाजपा विधायक भीमा मंडावी समेत पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया।

भीमा मंडावी विधानसभा में भाजपा विधायक दल के उपनेता थे। मंडावी दूसरी बार विधायक चुने गए थे। दंतेवाड़ा जिले के गदापाल निवासी मंडावी 2008 में विधायक चुने गए थे।

लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2019) से ठीक पहले नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक बड़ा हमला किया है। इस हमले में बस्तर के इकलौते बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की मौत हो गई है। वहीं, उनकी सुरक्षा में तैनात 4 जवान शहीद भी हो गए हैं।

नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन ग्रीन हंट के दौरान 6 अप्रैल, 2010 को जो हुआ था, उसे कोई कैसे भूल सकता है। इस दिन कई सौ की संख्या में नक्सलियों ने हमला कर सीआरपीएफ के 76 जवानों को मौत के घाट उतार दिया था। इसे अब तक का सबसे बड़ा नक्सली हमला माना जाता है। उसमें 22 साल के जवान निर्वेश कुमार भी थे। इस हमले में वे शहीद हो गए थे। निर्वेश आगरा के चित्रहाट क्षेत्र के नौगंवा के रहने वाले थे।

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