CRPF

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलवाद (Naxalism) के खात्मे के लिए जबरदस्त प्लानिंग बन चुकी है। अब प्रदेश के बड़े नक्सली नेता (Naxali Leader) सुरक्षाबलों के निशाने पर हैं।

डॉक्टर माहेश्वरी (Dr AP Maheshwari) ने कहा कि CRPF नक्सलवाद के खिलाफ जंग में जुटी है और हर तरह की समस्या से निपटने में सक्षम है।

कई कठिनाईओं और तमाम चुनौतियों के बावजूद जवान लगातार नक्सलियों पर प्रहार कर रहे हैं। अपनी जान दे कर भी वे नक्सलियों के नापाक मंसूबों को नाकाम करते हैं। ऐसे ही एक जवान थे नितिन पी भालेराव (Nitin P Bhalerao)।

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार को नक्सलियों द्वारा IED ब्लास्ट किया गया था। इस ब्लास्ट में नितिन भालेराव (Nitin Bhalerao) इलाज के दौरान शहीद हो गए थे।

झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह जिले का पारसनाथ पहाड़ वाला इलाका नक्सलियों (Naxals) का सेफ जोन माना जाता है। इसी इलाके में नक्सलियों का ठिकाना है, जहां वे अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के लिए योजना बनाते हैं।

राज्य में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच पारसनाथ से बड़ी खबर सामने आई है। यहां 2 सीआरपीएफ कैंप बनाए जाएंगे।

कैंपन में थोड़े ही समय में, 80 हजार से ज्यादा CRPF कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों ने शपथ ली। की शपथ ली है। डॉ हर्षवर्धन ने वेबिनार की सराहना की।

जब नक्सल प्रभावित इलाके के युवक रोजगार करने लगेंगे तो वे मुख्यधारा से नहीं भटकेंगे। इसको ध्यान में रखकर सीआरपीएफ (CRPF) की ओर से समय- समय पर नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Area) में रोजगार से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

गिरिडीह जिले के पारसनाथ क्षेत्र को पहले नक्सलियों का अभेद किला माना जाता था। यहां के बीहड़ों की आड़ में नक्सलियों को ट्रेनिंग दी जाती थी।

सीआरपीएफ की 172 बटालियन ने इलाके के लोगों की बेरोजगारी को दूर करने के लिए पहल शुरू की है। सीआरपीएफ की इस पहल से ग्रामीणों ने चैन की सांस ली है।

सीआरपीएफ की 153वीं बटालियन के जवान सालों से नक्सलियों (Naxalites) से लड़ते आए हैं, लेकिन नक्सल समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हो पाई है।

नक्सली दहशत फैलाकर अपनी विचारधार का प्रसार करते हैं। नक्सली (Naxals) जिस देश में रहते हैं और जिसका खाना खाते हैं उसी के खिलाफ हैं। हमारे वीर सपूतों को अपने देश के भीतर ही नक्सलियों से लोगों की रक्षा करनी पड़ती है।

जम्मू कश्मीर में तैनात CRPF के ASI की कोरोना की वजह से मौत हो गई। जवान का नाम सुवालाल जाटव है और वह 48 साल के थे।

दक्षिणी कश्मीर में सबसे ज्यादा 138 एनकाउंटर हुए हैं। पुलवामा और शोपियां में 49-49 एनकाउंटर हुए हैं। शोपियां और पुलवामा के इलाकों में सबसे ज्यादा आतंकी सक्रिय हैं।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान रात जब अपने बैरक में थे तब उन्होंने गोली चलने की आवाज सुनी। इसके बाद कैंप में मौजूद जवान फौरन जवान कमल कांत के कमरे में पहुंचे।

naxalite attack: नक्सलियों ने हमारे जवानों को अपने जाल में फंसाया था और वह मुख्य सड़क से जवानों की पूरी टीम को 400 मीटर दूर ले गए थे।

हमला रात के समय में किया गया था। रानीबोदली गांव में मौजूद पुलिस कैंप में जब जवान सो रहे थे। नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी थी।

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