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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जम्मू-कश्मीर के हालात पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज पर निराशा साधा।

रवीश कुमार ने कहा कि हमने China के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच बातचीत की रिपोर्ट देखी है, जिसमें कहा गया कि दोनों नेताओं ने कश्मीर के मसले पर चर्चा की है।

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 (Article 370) हटाए जाने जाने के बाद पाकिस्तान कश्मीर का मुद्दा लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जा चुका है। हर जगह उसे निराशा ही हाथ लगी है। अब तो ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान के खास दोस्त चीन ने भी इस मुद्दे पर उसका साथ छोड़ दिया है।

भारतीय सैनिक पेनगॉन्ग लेक के उत्तरी हिस्से में पेट्रोलिंग पर निकले थे, जिसका चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने विरोध किया। इसके बाद काफी देर तक दोनों देशों के सैनिकों के बीच धक्का-मुक्की होती रही।

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370) को समाप्त करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद बौखलाहट में परमाणु बम की धमकी देने वाला पाकिस्तान और उसके समर्थन में खड़े चीन ने अब मामले को बातचीत से सुलझाने की बात कही है।

नरवाने ने कहा, 'उन्होंने सोचा कि वे क्षेत्रीय दबंग बनकर निकल जाएंगे। लेकिन हम दादागिरी के सामने डटे रहे।' उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल किसी भी दुश्मन का मुकाबला करने में सक्षम हैं।

संयुक्त राष्ट्र में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर एक लंबी बहस चल रही है। इसमें अमेरिका ने चीन और पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई। वहीं ब्रिटेन और कनाडा ने भी धार्मिक भेदभाव को लेकर पाकिस्तान और चीन को जमकर लताड़ लगाई।

11 अगस्त को चीन की राजधानी पहुंचे जयशंकर ने चीनी उपराष्ट्रपति वांग क्विशान से झोंग्ननहाई से उनके आवासीय परिसर में मुलाकात की। बाद में उन्होंने विदेश मंत्री वांग यी के साथ बैठक की, जिसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक हुई।

कश्मीर के हालात से अफगानिस्तान की तुलना करने पर तालिबान ने भी पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई है। दुनिया के देशों से अफगानिस्तान को 'प्रतिस्पर्धा का मैदान' ना बनाने की अपील करते हुए तालिबान प्रवक्ता जाबिहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि कुछ पक्ष कश्मीर के मुद्दे को अफगानिस्तान से जोड़ रहे हैं।

प्रशांत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में जिस तरह चीन का दखल बढ़ रहा था, अब उस पर लगाम लगेगी क्योंकि भारतीय नौसेना में शामिल होने जा रहा है 'रोमियो'। दरअसल, ‘रोमियो’ एक अमेरिकी मल्टी-रोल MH 60R सी-हॉक हेलीकॉप्‍टर है।

लगता है कि अमेरिका अब आतंकवाद और मसूद अजहर के मामले में चीन से आमने-सामने के टकराव का मन बना चुका है। दरअसल, 27 मार्च को अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फिर से एक प्रस्ताव लाया है। जिसमें पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आका अजहर मसूद को प्रतिबंधित करने की बात है।

फ्रांस ने मसूद अजहर की सारी सम्पत्ति जब्त करने का फैसला कर लिया है। फ्रांस के आंतरिक मंत्रालय, विदेश और वित्त मंत्रालयों के एक संयुक्त आदेश को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित किया गया है। जिसमें मसूद अजहर की फ्रांस में मौजूद सभी सम्पत्तियों को जब्त करने का आदेश है।

UNSC Ban Masood Azhar: चीन इस बात से भी बखूबी वाकिफ है कि पाकिस्‍तान की कोई भी सरकार यही बनाते हैं और वह इन्‍हीं के इशारे पर काम करती है। पाकिस्‍तान की सरकार सेना के खिलाफ नहीं जा सकती है। ऐसे में चीन किसी भी हाल में इतनी बड़ी रकम पर किसी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहता था।

चीन ने चौथी मर्तबा मसूद अजहर को अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करके ग्लोबल आतंकी घोषित होने से बचा लिया है। चीन की इस हरकत ने भारत के तरफ से किए जा रहे तमाम प्रयासों एवं मंसूबों पर पानी फेर दिया।

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