Chhattisgarh

दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि मदकम रमेश उर्फ गोन्चे रमेश (50) की शनिवार को मौत हो गई। उसमें कोरोना संक्रमण के लक्षण दिख रहे थे।

2016 में ITBP ने इन लड़कियों को प्रशिक्षित करने की ठानी थी। ये वो समय था, जब इन लड़कियों को हॉकी (Hockey) के बेसिक्स के बारे में बहुत जानकारी नहीं थी।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले बस्तर में नक्सलियों (Naxalites) ने एक ग्रामीण की हत्या कर दी। ये जानकारी जिले के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने दी है।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सरकार और प्रशासन लाल आतंक को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए कमर कस चुकी है। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश सरकार साल 2020 के आखिर तक आठ नए पुलिस कैंप (Police Camp) खोलेगी।

बीते साल 9 अप्रैल को नक्सली हमले में दंतेवाड़ा के तत्कालीन विधायक भीमा मंडावी (Bhima Mandavi) की मौत हो गई थी। इसमें कई जवान भी मारे गए थे।

नक्सलियों (Naxalites) ने गुरुवार रात अपने ही कमांडर को मार डाला है। नक्सलियों ने हत्या के बाद कमांडर का शव उनके परिजनों को सौंप दिया।

बीजापुर में नक्सलियों ने 2 ग्रामीणों की हत्या कर दी है। मारे गए दोनों ग्रामीण, पंचायत के प्रतिनिधि रहे हैं। इनमें से एक पूर्व उप सरपंच था और एक पंच था।

Chhattisgarh: पुलिस कैंप के खुलने से राज्य में नक्सलियों पर दबाव बढ़ेगा और नक्सली घटनाओं में कमी आएगी। राज्य में विकास कार्य भी सही ढंग से हो पाएंगे।

एसपी ने कहा कि कोसा मरकाम उत्तर बस्तर संभाग में माओवादी सैन्य कंपनी नंबर 05 के पलटन नंबर 2 का सदस्य था और कई घटनाओं में शामिल था।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से नक्सलवाद (Naxalism) को उखाड़ फेंकने के लिए सरकार और प्रशासन पूरी तरह कमर कस चुके हैं। नक्सिलयों (Naxals) की जड़ खोदने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

Chhattisgarh: पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के अंतर्गत पेड़ापाल पीड़िया गांव के जंगल में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई।

हैरानी की बात ये है कि नक्सली (Naxalites) इन ग्रामीणों को नैमेड़ इलाके से उठा ले गए थे लेकिन इनमें से 17 लोग वापस लौट आए लेकिन 5 ग्रामीण अभी भी लापता हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में नक्सलवाद को रोकने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। सभी जिलों के एसपी को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

नक्सली (Naxalites) 21 सितंबर से शहीदी सप्ताह मना रहे हैं। ऐसे में वह आम जनता के बीच दहशत फैलाकर अपना वर्चस्व बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के में लाल आतंक का गढ़ कहे जाने वाले बस्तर (Bastar) पुलिस सामुदायिक पुलिसिंग (Community Policing) के तहत सराहनीय पहल करने जा रही है।

Chhattisgarh: अकेले बीजापुर में ही नक्सलियों ने इस महीने 17 लोगों की हत्या की है। मृत लोगों में एक एएसआई और एक वन विभाग का रेंजर भी था।

हत्या के बाद नक्सलियों (Naxalites) ने उइका का शव कुंदेड़ मिस्सीगुड़ा के बीच फेंक दिया। इस घटना के बाद से पूरे इलाके में डर का माहौल है।

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