Article 370

यह मानव रहित विमान की तरह हाई रेजॉलूशन कैमरे से लैस है। यह दूर बैठै व्यक्ति को लाइव तस्वीरें और वीडियो भेज सकता है। यह लगातार 18 घंटे तक उड़ान भर सकता है। इसके अलावा यह ड्रोन कई और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है।

यूएस विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने एक बयान में कहा कि हम जम्मू-कश्मीर के घटनाक्रमों पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। हम इस बात का संज्ञान लेते हैं कि जम्मू-कश्मीर का संवैधानिक दर्जा बदलने के फैसले को भारत ने सख्त तौर पर अपना आंतरिक मामला करार दिया है।

लोकसभा में अमित शाह और अधीर रंजन के बीच तीखी तकरार देखने को मिली। अमित शाह ने कहा कि कश्मीर और पीओके के लिए जान भी दे देंगे। वहीं, लोकसभा में नंबर को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि वहां भी यह बिल आसानी से पास हो जाएगा।

मंगलवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर राज्य पुनर्गठन बिल पेश हुआ, जिस पर बहस चल रही है। इससे पहले राज्यसभा में सोमवार को इस बिल को पास करा लिया गया।

अब देश में राज्यों की संख्या घट गई है, वहीं केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या बढ़ गई है। अब भारत में राज्यों की संख्या 29 से घटकर 28 हो गई है और केंद्रशासित राज्यों की संख्या सात से बढ़कर नौ हो गई है।

शाह ने कहा कि इतने वर्षों तक देश में जम्मू-कश्मीर के अल्पसंख्यकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला। अब वक्‍त आ गया है कि बिना देर किए अनुच्‍छेद-370 को हटाया जाए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जब संविधान के अनुच्छेद-370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया तो विपक्षी नेता हंगामा करने लगे।

इसके साथ ही Article 370 और 35A खत्म कर हो गया। शाह ने राज्‍यसभा में राज्य के पुनर्गठन विधेयक को पेश किया। इसके अनुसार, जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख दोनों ही केंद्र शासित प्रदेश होंगे।

कहा जाता है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल आर्टिकल 370 की कई शर्तों से सहमत नहीं थे, लेकिन जब नेहरू जी गैरमौजूदगी में इसे पास करने का दारोमदार उन पर आया तो वो चाहते थे कि ऐसा कुछ भी न किया जाए, जो नेहरू जी को नीचा दिखाने वाला प्रतीत हो।

आर्टिकल 370 और 35A इत्यादि जिन परिस्थितियों में भी इजाद किया गया उससे भारत और कश्मीर को कोई लाभ नहीं मिला। स्वाधीन भारत की कई विफलताएं हैं, सफलताएं भी कई हैं। लेकिन जब विफलताओं की गणना की जाएगी तो हमारा कश्मीर फेल्यर हमेशा पहले पायदान पर रहेगा।

अनुच्छेद 35A जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्य के 'स्थायी निवासी' की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है। अस्थायी नागरिक जम्मू-कश्मीर में न स्थायी रूप से बस सकते हैं और न ही वहां संपत्ति खरीद सकते हैं।

विधेयक के पारित होने के बाद उस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने और सरकारी गैजेट में उसके प्रकाशित होने के बाद जम्मू-कश्मीर के संबंध में अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे।

अनुच्छेद 370 के तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार है। यानी भारत के दूसरे राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते।

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