Arnab Dam

जेल में रह कर एक नक्सली नेता ने अपनी मेहनत और इच्छाशक्ति के दम पर मिसाल कायम किया। जेल में बंद होने के बावजूद उसने कलम थामी और तारीख लिख डाला। आज हम एक ऐसे ही नक्सली की कहानी बता रहे हैं आपको।

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