Army

केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए देश में सेना की करीब 4000 दुकानों या कैंटीन्‍स (Army Canteens) के लिए आदेश जारी किया है कि वे अब इंपोर्टेड यानी विदेशी सामान (Imported Goods) की खरीद न करें।

सेना (Army) के आला अफसर पूर्वी लद्दाख में LAC पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच 26 अक्टूबर को लद्दाख और आसपास के इलाकों में युद्ध की तैयारियों का जायजा लेंगे।

लेह स्थित सेना (Army) की 14 कोर की कमान लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने संभाल ली है। इसके अलावा 14 अक्टूबर को ले. जनरल एमवी सुचींद्र कुमार ने जम्‍मू के नगरोटा स्थित व्‍हाइट नाइट कोर (16 कमान) नए कमांडर के तौर ज्वॉइन किया।

सेना (Army) में शामिल होने के इच्छुक युवाओं के लिए खुशखबरी है। सेना की भर्ती रैली 22 नवम्बर से 31 मार्च के बीच में उदयपुर में आयोजित की जा सकती है। इच्छुक युवा 24 अक्टूबर तक अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकते है।

गाजियाबाद के कविनगर थानाक्षेत्र में शहीद आर्मी (Army) अफसर की पत्नी से दुष्कर्म का मामला सामने आया है। पीड़िता के मुताबिक, बम्हैटा निवासी युवक महिला को शादी का झांसा देकर कई माह तक दुष्कर्म करता रहा।

INDIAN ARMY में महिला अधिकारियों को स्थाई कमीशन देने के लिए चयन बोर्ड ने प्रक्रिया को शुरू कर दिया है। यह जानकारी रक्षा मंत्रालय ने दी है।

चाहे वह 1948 का युद्ध हो या फिर 1962 में चीन के साथ युद्ध और 1965 और 71 में पाकिस्तानी सेना के साथ लोहा लेना हो। Garhwal Rifles के जवानों ने हमेशा अपनी छाप छोड़ी है।

भीषण गोलाबारी के बीच, 15000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले खड़ी ढाल के पहाड़ पर चढ़ाई कर, आमने-सामने की लड़ाई में घुसपैठियों को मार गिराया था।

इजरायल बीते 6 अगस्त से हमास के ठिकानों पर इसी तरह से हमलावर है। गाजा पट्टी से आतंकवादी समूहों ने दक्षिणी इजरायल में आग लगाने वाले विस्फोटक सामग्री भेजी थी।

बसंतर (बैटल ऑफ बसंतर) की मशहूर लड़ाई में दुश्मन से घिर जाने के बावजूद अपने हर जूनियर ऑफिसर को एक इंच भी पीछे हटने के लिए मना कर दिया था।

सेना ने खास रणनीति 'वॉर ऑफ मूवमेंट' के जरिए दुश्मनों के कब्जे वाले इलाकों पर कहर बरपा कर खुद का कब्जा जमाया था। यहां तक भारतीय सेना ढाका तक पहुंच गई थी।

इस वॉर मेमोरियल में आपको पता लगेगा कि कैसे युद्ध में भारतीय सैनिक बंकर से लेकर बंकर तक योजनाबद्ध तरीके से भागते हुए दुश्मन सेना पर हथगोले फेंकते थे।

जंग में वे और उनके 14 गार्ड्स रेजिमेंट के साथियों ने अगरतला को पाक के हमलों से बचाया था। गंगासागर स्टेशन के पास इस जंग में दुश्मनों की कमर तोड़कर रख दी थी।

रजा इस युद्ध में सबसे आगे होकर लड़ रहे थे। भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान के 250 से अधिक सैनिक मार गिराए। 17 दिसंबर की रात युद्ध खत्म हुआ।

बंटवारे के वक्त ब्रिटिश इंडिया सैन्य टुकड़ियों को भी भारत-पाक के बीच बांटा जा रहा था। ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान भीड़ में शामिल नहीं हुए।

लड़ाई में भारतीय सेना लाहौर तक पहुंच चुकी थी लेकिन बॉर्डर पर ही रुक गई। सेना चाहती तो पाकिस्तानी के कई इलाकों पर कब्जा कर सकती थी लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

22 साल के बेटे को तिरंगे में लिपटा देख पिता अपने आंसू नहीं रोक सके। उधर उनकी मां समेत पूरे परिवार का रो रो कर बहुत बुरा हाल हो गया था।

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