1971 War

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए भीषण युद्ध में लेफ्टिनेंट जनरल एच एस पनाग (H S Panag) ने भी हिस्सा लिया था। इस युद्ध में भारतीय सेना को जीत हासिल हुई थी। पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश का निर्माण हुआ था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध में भारतीय सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया था। युद्ध के दौरान इन युद्धबंदियों को बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया था।

ऐसे करीब 54 जवान हैं जिन्हें पाकिस्तान ने अपनी कैद में रखा हुआ है। इन सैनिकों के परिवारों को आज भी यकीन है कि उनके परिवार के सदस्य पाकिस्तान की जेल में बंद हैं और एक न एक दिन वे वापस अपने वतन लौटेंगे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ भारतीय जवानों ने शौर्य का परिचय दिया था। पाकिस्तानी सेना को हराकर भारतीय जवानों ने दिखा दिया था कि भारत मां के खिलाफ नजर उठाने वालों के साथ क्या सलूक होता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ हमारे सैनिकों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया था। इससे पहले 1965 युद्ध के दौरान पठानकोट वायुसेना स्टेशन (Pathankot Air Base) पर पाकिस्तान ने हमला किया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के दौरान तीन भारतीय वायुसेना (Indian Air Force)  के जवान पाकिस्तानी जेल तोड़कर फरार हो गए थे। पाकिस्तानी स्वतंत्रता दिवस से महज एक दिन पहले ही इन सैनिकों ने इसे अंजाम दिया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए भीषण युद्ध में कर्नल अनिल ए अथले (Colonel Anil A Athale) ने बहादुरी की मिसाल पेश की थी। भारतीय सेना (Indian Army) बेखौफ होकर दुश्मनों पर टूट पड़ने के लिए जानी जाती है।

India Pakistan War 1971: भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना को शानदार जीत हासिल हुई थी। युद्ध के दौरान पाकिस्तान की कैद में कुछ भारतीय जवान युद्धबंदी बनकर रहे थे।

उत्तर प्रदेश के हापुड़ स्थित सिंभावली क्षेत्र के गांव मोहम्मदपुर खुड़लिया निवासी जयभगवान सिंह चौधरी 1960 में वायुसेना में शामिल हुए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध के दौरान भारतीय सेना (Indian Army) ने तीन अहम ऑपरेशन को अंजाम दिया था। इन ऑपरेशन के दम पर पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया गया था।

सरेंडर करने के बाद भारत ने पाकिस्तान के इन जवानों को रिहा कर दिया था। पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा करने के पीछ राजनीतिक और आर्थिक कारण बताए जाते हैं।

किसी भी युद्ध में जीत और हार हथियारों पर निर्भर करती है। जिस सेना के पास जितने बढ़िया और मॉर्डन हथियार होंगे उसका पलड़ा उतना ही भारी होगा।

युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) कश्मीर की हिफाजत के लिए पाक सैनिकों और कबायलियों को नेस्तनाबूद कर दिया था। हमलों ने तत्कालीन राजा हरि सिंह की चिंताएं बढ़ा दी थीं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में  लड़े गए युद्ध के दौरान 9 जाट रेजीमेंट में तैनात मेजर सुभाष गुलेरी (Major Subhash Guleri) को युद्ध बंदी बना लिया गया था। परिवार को आज भी उनकी वतन वापसी का इंतजार है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) शानदार प्रदर्शन किया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराकर ही हमारे सैनिकों ने राहत की सांस ली थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को भारत ने धूल चटा दी थी। पाकिस्तान को एक पल भी ऐसा महसूस नहीं होने दिया गया था कि वो भारत के खिलाफ जीत भी सकता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। इस युद्ध में यूं तो हमारे कई सैनिकों ने शौर्य का परिचय दिया लेकिन एक जवान ऐसे थे, जिनकी बहादुरी की मिसाल आज भी पेश की जाती है।

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