1971 War

खेत्रपाल 14 अक्टूबर-1950 को जन्मे थे। वे 13 जून-1971 को पूना हॉर्स में भर्ती हुए इसके बाद तीन दिसंबर को युद्ध में शामिल हो गए थे। यानी सेना में शामिल होने के 6 महीने बाद ही देश के लिए जंग लड़ी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1947-48 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) हर मोर्चे पर सफल साबित हुई थी। पाकिस्तानी सेना को धूल चटाकर ही भारतीय सेना ने सांस ली थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध के दौरान 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने सरेंडर किया था। इस युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने बांग्लादेश की आजादी में अहम भूमिक निभाई थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना ने ऐसा पराक्रम दिखाया था जिसे यादकर दुश्मन देश आज भी थर-थर कांप उठता होगा।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। बांग्लादेश, पाकिस्तान के अत्याचारों से आजाद हुआ और इसमें भारतीय सेना की भूमिका को वह आज तक मानता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया था। युद्ध पूर्वी पाकिस्तान (बांग्लादेश) की आजादी के लिए लड़ा गया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध के दौरान विंग कमांडर दिलीप पारुलकर (Dilip Parulkar) ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने पाकिस्तान को बुरी तरह से पटखनी देते हुए अपने शौर्य का परिचय दिया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए युद्ध के दौरान विंग कमांडर धीरेंद्र सिंह जाफा (Dhirendra Singh Jafa) बहादुरी का परिचय दिया था। युद्ध के दौरान दुश्मनों को नुकसान पहुंचाने के दौरान वे पाकिस्तानी सेना की कैद में आ गए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में लड़े गए भीषण युद्ध में भारतीय वायुसेना ने अपनी अलग ही छाप छोड़ी थी। युद्ध में भारत को जीत हासिल हुई थी। पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने सरेंडर किया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध (War of 1971) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से पटखनी दी गई थी। भारतीय सेना (Indian Army) के वीर सपूतों ने हर मोर्चे पर दुश्मन को विफल किया था।

India Pakistan War 1971: सुरजीत सिंह का परिवार आज भी अपने वीर सपूत के जिंदा होने की उम्मीद लगाए बैठा है। पंजाब के गांव टहना फरीदकोट के रहने वाले हैं।

इस युद्ध (War of 1971) में यूं तो सभी जवानों का योगदान अहम था लेकिन एक जवान ऐसे भी थे जिन्होंने जख्मी होने पर अपना पैर खुद काट लिया था। इस जवान का नाम कार्डोजो है और वह गोरखा रेजीमेंट के मेजर पद पर थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के दौरान लांस नायक मंगल सिंह (Lance Naik Mangal Singh) लापता हो गए थे। परिवार 49 साल से उनकी राह देख रहा है। इस दौरान उनका कुछ अता-पता नहीं था।

पूरा देश और भारतीय सेना (Indian Army) इस साल 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत की 50वीं वर्षगांठ मना रही है। 1971 युद्ध में देश के सबसे बड़ी जीत मिली थी। एक नया देश बांग्लादेश बना।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान को हराकर हमारे वीर सपूतों ने पूरी दुनिया को संदेश दिया था कि भारत से उलझना आसान नहीं।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में भीषण युद्ध (India Pakistan War 1971) लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय सेना ने बांग्लादेश (तब पूर्वी पाकिस्तान) की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में युद्ध लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान झेलना पड़ा था। सैनिक तो मारे ही गए थे, साथ ही साथ पाकिस्तान का एक प्रांत यानी पूर्वी पाकिस्तान अलग हो गया था।

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