1965 War

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में लड़े गए युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) ने जीत हासिल की थी। इस युद्ध में पाकिस्तान को जबरदस्त नुकसान झेलना पड़ा था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध (War Of 1965) लड़ा गया था। इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ यह सोचकर युद्ध छेड़ा था कि 1962 में चीन से हार के बाद वह हमें हरा देगा।

युद्ध में भारतीय सेना (Indian Army) कश्मीर की हिफाजत के लिए पाक सैनिकों और कबायलियों को नेस्तनाबूद कर दिया था। हमलों ने तत्कालीन राजा हरि सिंह की चिंताएं बढ़ा दी थीं।

भारत और पाक के बीच हुए पहले युद्ध की वजह कश्मीर बना था। पाकिस्तान ने कश्मीर को पाने के लिए 1947 में नापाक साजिश रची जिसे सेना (Army) ने बुरी तरह से विफल कर दिया। 

मार्शल अर्जन सिंह (Arjan Singh) एक मात्र अधिकारी रहे जिनकी पदोन्नति पांच सितारा रैंक तक हुई। उनके असाधारण योगदान के लिए साल 2002 में एयर फोर्स का मार्शल बनाया गया था। 

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध लड़ा गया था। पाकिस्तान, भारत को कमजोर समझकर जंग के मैदान में उतरा था।  लेकिन पाकिस्तान को धूल चटाकर भारत ने जीत हासिल की थी।

क्या पाकिस्तान (Pakistan) के साथ युद्ध के दौरान मुस्लिम रेजीमेंट ने लड़ाई से मना किया था? ये सवाल इसलिए है क्योंकि सोशल मीडिया पर ये झूठ फैलाया जा रहा है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में लड़े गए युद्ध (War of 1965) के पीछे की कई वजहें बताई जाती हैं। भारतीय सेना (Indian Army) ने इस युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 में भीषण युद्ध (Indo-Pak War) लड़ा गया था। युद्ध में पाकिस्तान को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कश्मीर को हड़पने की बहुत बड़ी साजिश रची थी।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 के युद्ध में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर कई एयरफील्ड्स तबाह कर दिए थे। भारत ने जब-जब पाकिस्तान के खिलाफ जंग लड़ी है तब-तब दुश्मनों को पटखनी दी।

साल 1962 का भारत-चीन युद्ध (Indo-China War 1962) दो ऐसी सेनाओं के बीच लड़ा गया, जिसमें से एक पूरी तैयार थी तो दूसरी बिल्कुल भी नहीं। युद्ध में हमारे जवानों ने संख्या में कम होने के बावजूद चीनी सैनिकों का डटकर सामना किया था। हथियार कम पड़ने पर हैंड टू हैंड फाइट तक की थी।

1962 के युद्ध के दौरान चीनी सेना ने जगह-जगह पोस्ट और सड़क का निर्माण कर दिया था जिसके जवाब में भारतीय सेना ने भी पोस्ट बना ली थी।

Pakistan के रोड बनाने के चलते कच्छ के रण में झड़पें शुरू हो गई थीं। शुरू में तो इनमें केवल सीमा सुरक्षा बल ही शामिल थे, बाद में सेना भी शामिल हो गई।

Tanot Mata Mandir सेना के लिए आस्था के प्रतीकों में से एक है। जवान आज भी इस मंदिर का रख-रखाव खुद ही करते हैं। मंदिर का रख-रखाव सीमा सुरक्षा बल के जिम्मे है।

Indian Army: दुश्मनों ने 8 सितंबर 1965 को खेमकरण सेक्‍टर के उसल उताड़ गांव पर धावा बोल दिया था। ये हमला पैटन टैंक के साथ किया गया था।

Battle Of Phillaur: अमेरिका की ओर से सबसे मजबूत और खतरनाक बताए जा रहे पैटर्न टैंक से सीधी लड़ाई में भारतीय सेना (INDIAN ARMY) ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी।

PAK ने जंग में अपने 170 से ज्यादा टैंकों को खो दिया था, इसमें 97 पैटन टैंक तो 'असल उत्तर' की लड़ाई में खत्म हो गए। वहीं INDIAN ARMY ने केवल 42 टैंक ही खोए।

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