तेलंगाना: 5 लाख के इनामी नक्सली कमांडर ने किया सरेंडर, आंध्र-ओड़िशा बार्डर कमेटी में था सक्रिय

आंध्र-ओड़िशा बार्डर कमेटी के इनामी नक्सल कमांडर एक्कंती सीतारमन रेड्डी उर्फ नागम्मा, उर्फ शिवन्ना ने 27 अगस्त को तेलंगाना के भद्रादि कोथागुड़म जिले के पुलिस कमिश्नर के सामने सरेंडर (Naxalite Surrenders) कर दिया।

Naxali Umesh Yadav

सांकेतिक तस्वीर।

इस नक्सली कमांडर के सरेंडर (Naxalite Surrenders) करने से बस्तर से सटे आंध्र, तेलंगाना और ओड़िशा के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा है।

तेलंगाना पुलिस (Telangana Police) को नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ बड़ी कामयाबी मिली है। आंध्र-ओड़िशा बार्डर कमेटी के इनामी नक्सल कमांडर एक्कंती सीतारमन रेड्डी उर्फ नागम्मा, उर्फ शिवन्ना ने 27 अगस्त को तेलंगाना के भद्रादि कोथागुड़म जिले के पुलिस कमिश्नर के सामने सरेंडर (Naxalite Surrenders) कर दिया।

इस नक्सली कमांडर के सरेंडर करने से बस्तर से सटे आंध्र, तेलंगाना और ओड़िशा के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा है। जानकारी के अनुसार, सीतारमन पर 5 लाख रूपये का इनाम घोषित था। सरेंडर (Naxalite Surrenders) करने के बाद अब उसे यह रकम दे दी गई। इसके साथ ही पुनर्वास योजना के तहत प्रोत्साहन के लिए 10 हजार रुपये तत्काल दिए गए।

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तेलंगाना पुलिस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सीतारमन भद्रादि कोथागुड़म जिले के अश्वपुरम ब्लाक के चिंतथरयाला गांव का रहने वाला है। उसने दसवीं तक पढ़ाई की है। साल 1981 में वह पीपुल्स वार ग्रुप में शामिल हो गया था। उसे भद्राचलम दलम का सदस्य बनाया गया।

साल 1982 में उसे शबरी, वेंकटापुरम और रामपसोदावरम का दलम कमांडर बनाया गया। इसके बाद साल 1985 में उसे गिरफ्तार कर लिया गया। 1988 में जमानत पर छूटने के बाद वह अपने गांव चला गया।

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लेकिन साल 1992 में एक बार फिर वह नक्सली संगठन में शामिल हो गया। वह 2008 में मलकानगिरी ईस्ट डिवीजन कमेटी का सदस्य बना। इसके बाद आंध्र ओड़िशा बार्डर स्पेशल जोनल कमेटी में बस्तर की सीमा पर सक्रिय रहा।

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