फिल्मों जैसी है इस पूर्व नक्सली की लव स्टोरी, पढ़िए कैसे पहुंचाया अपने प्यार को शादी के अंजाम तक

जिंदगी में कभी भी किसी भी पर मोड़ प्यार हो सकता है। भले ही हालात कैसे भी हो, प्यार का न कोई वक्त होता है और न ही कोई जगह। ऐसा ही कुछ ओडिशा की 19 साल की जॉली देहुरी और 26 साल के छोटू गंजू के साथ हुआ।

Naxal

ओडिशा की 19 साल की जॉली देहुरी और 26 साल के छोटू गंजू के बीच प्यार का एहसास तब जागा, जब वे नक्सली (Naxal) कैंप में ट्रेनिंग ले रहे थे।

जिंदगी में कभी भी किसी भी मोड़ पर प्यार हो सकता है। भले ही हालात कैसे भी हो, प्यार का न कोई वक्त होता है और न ही कोई जगह। ऐसा ही कुछ ओडिशा की 19 साल की जॉली देहुरी और 26 साल के छोटू गंजू के साथ हुआ। दोनों के बीच प्यार का एहसास तब जागा, जब वे नक्सली (Naxal) कैंप में ट्रेनिंग ले रहे थे।

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जॉली और छोटू ने बंदूक उठा ली थी। हिंसा का रास्ता चुन लिया था। इसी दौरान एक-दूसरे के करीब आ गए। लेकिन नक्सलियों को उनका प्यार हरगिज मंजूर नहीं था। प्यार एक ही समय में आपको कमजोर और मजबूत दोनों ही बनाता है, सिर्फ हालात का फर्क होता है। प्यार अगर तकलीफ में हो तो उसके दर्द से आप कराह उठते हैं और फिर अपने प्यार को बचाने के लिए इंसान में पूरी दुनिया से बगावत करने की ताकत न जाने कहां से आ जाती है। जॉली और छोटू के साथ भी यही हुआ। दोनों ने बगावत की और नक्सली (Naxal) कैंप छोड़कर भाग गए।

बीते 20 नवंबर को दोनों ने मंदिर में शादी कर ली। किसी फिल्म सी लगने वाली मोहब्बत की यह दास्तां साल 2018 से शुरू हई। जब ओडिशा ​के अंगुल जिले के टिकरापाड़ा क्षेत्र नक्सलियों के संबलपुर-देवगढ़-सुंदरगढ़ डिवीजन के कैडर की जॉली देहुरी और छोटू गंजू को एक दूसरे से नक्सली (Naxal) प्रशिक्षण के दौरान प्यार हो गया। यह बात जब नक्सलियों के कमांडर को पता चली तो उन्होंने इस प्यार को शादी में बदलने की मंजूरी नहीं दी। अपने प्यार को पाने के लिए दोनों नक्सली (Naxal) प्रशिक्षण कैंप से भाग आए और पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

फिर जॉली टिकरापाड़ा पंचायत के माज़ीपाड़ा गांव में अपने घर चली गई और प्रेमी छोटू अंगुल में रहने लग गया था। इस दौरान दोनों ने अपने-अपने घरों रिश्ते के बारे में बताया। जिसके बाद दोनों हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार दुल्हन के गांव के चम्पेश्वर मंदिर में शादी के बंधन में बंध गए। सैकड़ों ग्रामीण इस प्रेम विवाह के साक्षी बने और दूल्हा-दुल्हन को नए जीवन के लिए आशीर्वाद दिया। कहते हैं प्यार पत्थर को भी पिघलाने की ताकत रखता है। बुरे से बुरे इंसान को भी सही रास्ते पर ला सकता है और इन दोनों नक्सलियों की कहानी इस बात की मिसाल है।

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