
सांकेतिक फोटो
नक्सली (Naxalites) डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा का पुत्र कारेलाल, नक्सली कमांडर बालेश्वर कोड़ा की बेटी से प्यार करता था। इस दौरान कारेलाल अपनी प्रेमिका को लेकर फरार हो गया। जब दोनों लोग कुछ दिन बाद घर लौटे तो संगठन के सामने ही कारेलाल की पिटाई की गई और उसका पिता डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा कुछ ना कर सका।
जमुई: बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच 26 अक्टूबर को नक्सली डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा के सरेंडर करने के बाद कई बड़े खुलासे हुए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा को कोल्हा यादव की जगह पर लोगों का सिर कलम करने की जिम्मेदारी दी गई थी क्योंकि कोल्हा यादव भी पहले जल्लाद के रूप में जाना जाता था। इस तरह डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा एक जल्लाद बन गया क्योंकि कोल्हा यादव गिरफ्तार हो चुका था और नक्सली संगठन को सिर कलम करने के लिए एक चेहरे की तलाश थी।
सिर कलम करने की वजह से डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा की गिनती जल्द ही बड़े नक्सलियों (Naxalites) में होने लगी और वह पूर्वी बिहार पूर्वोत्तर झारखंड स्पेशल एरिया कमेटी का शीर्ष नक्सली बन गया।
26 अक्टूबर को जब डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा ने सरेंडर किया तो सारी बात सामने आई। मिली जानकारी के मुताबिक, नक्सली डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा अपने बेटे की पिटाई से नाराज था और इसलिए ही उसने सरेंडर किया।
मिली जानकारी के मुताबिक, नक्सली डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा का पुत्र कारेलाल, नक्सली कमांडर बालेश्वर कोड़ा की बेटी से प्यार करता था। इस दौरान कारेलाल अपनी प्रेमिका को लेकर फरार हो गया। जब दोनों लोग कुछ दिन बाद घर लौटे तो संगठन के सामने ही कारेलाल की पिटाई की गई और उसका पिता डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा कुछ ना कर सका।
इसी बात को लेकर डॉक्टर उर्फ सोरेन कोड़ा और बालेश्वर के बीच विवाद हो गया। बालेश्वर, सोरेन और उसके परिवार की हत्या करना चाहता था, इसी वजह से सोरेन ने जमुई के एसपी के सामने सरेंडर कर दिया।
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