जब खूंखार नक्सली की मासूम बेटी ने की नक्सलवाद को खत्म करने की मांग…

एक दुर्दांत नक्सली की मासूम बेटी ने निबंध में लिखा कि नक्सली विकास में बाधा पहुंचाते हैं। नेहा ने नक्सलियों के क्रूर रूप का भी ज़िक्र किया एवं बताया कि कैसे ये लोग आम आदमी पर ज़ुल्म करते हैं।

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पुरस्कार ग्रहण करती नेहा कुमारी। फाइल फोटो।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन विभिन्न तरह के कार्यक्रम कराती रहती है। ऐसे में झारखंड पुलिस ने महुदंड स्कूल में नक्सलवाल पर एक निबंध प्रतियोगिता का आयोजन कराया था। जहां स्कूल के बच्चों को नक्सलवाद के बारे में निबंध लिखने के लिए कहा गया।

इस प्रतियोगिता में करीब सौ बच्चों ने भाग लिया था, जिसमें पूर्व नक्सल कमांडर अजय यादव की बेटी नेहा कुमारी ने भी हिस्सा लिया था। नेहा इस विद्यालय में 7वीं कक्षा में पढ़ती थी, नेहा के पिता नक्सल गिरोह के बीच हुई आपसी मुठभेड़ में मार दिए गए थे।

नेहा ने निबंध में नक्सल आंदोलन को आड़े हाथों लिया तथा लिखा कि नक्सली विकास में बाधा पहुंचाते हैं। नेहा ने नक्सलियों के क्रूर रूप का भी ज़िक्र किया एवं बताया कि कैसे ये लोग आम आदमी पर ज़ुल्म करते हैं। ये लोग सड़कें नहीं बनते देते हैं, आम आदमी से ज़बरदस्ती वसूली करते हैं। नेहा ने नक्सलवाद को समाज, परिवार एवं देश के लिए एक कोढ़ बताया एवं लिखा कि इसे जल्द से जल्द ख़त्म किया जाना चाहिए।

नेहा के इस निबंध पर उसे द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ज्ञात रहे कि नेहा जिस महुदंड स्कूल में पढ़ती है, इसी स्कूल में नेहा के पिता भी पढ़े थे। कुछ वर्ष पूर्व नेहा के पिता अजय यादव ने इस स्कूल को बम से उड़ा दिया था। नेहा के बड़े पापा भी नक्सल संगठन से जुड़े थे जो मारे गए थे। नक्सलवाद के दंश को नेहा ने बेहद क़रीब से देखा था, इसलिए नेहा ने इस लेख में आंदोलन की सच्चाई लिखी थी।

नेहा के इस लेख से एक बात स्पष्ट होती है कि लोग अब इस हिंसक आंदोलन से त्रस्त हो चुके हैं, इससे अब मुक्ति चाहते हैं। नक्सल संगठनों के प्रति लोगों में ग़ुस्सा बहुत है। अपने पिछड़ेपन का जिम्मेदार इन्हीं संगठनों को मानते हैं।

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