
सांकेतिक तस्वीर।
पुलिस की ओर से चलाए जा रहे अभियानों ने नक्सलियों (Naxalites) की पकड़ को गांवों में कमजोर कर दिया है, यही वजह है कि नक्सली बौखलाए हुए हैं और अपने दलम के विस्तार में लगे हैं।
मध्य प्रदेश: नक्सलियों (Naxalites) पर लगाम लगाने के लिए तमाम तरह के अभियान चलाये जा रहे हैं लेकिन फिर भी नक्सली अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।
नक्सली (Naxalites) भोले-भाले युवकों और युवतियों को गुमराम कर रहे हैं और उन्हें सैलरी का लालच देकर दलम का विस्तार कर रहे हैं।
पुलिस की ओर से चलाए जा रहे अभियानों ने नक्सलियों की पकड़ को गांवों में कमजोर कर दिया है, यही वजह है कि नक्सली बौखलाए हुए हैं और अपने दलम के विस्तार में लगे हैं।
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जिन गांवों में युवाओं के पास रोजगार नहीं है, नक्सली ऐसे गांवों को निशाना बना रहे हैं। नक्सली इन युवाओं को 5 या 10 हजार रुपए की सैलरी का लालच देकर उन्हें नक्सली संगठन में भर्ती कर रहे हैं।
17 सितंबर को पुलिस की गिरफ्त में आए बादल ने पुलिस को इस बारे में विस्तार से बताया था। बादल ने बताया था कि नक्सली ग्रामीणों को रोजगार देने के नाम पर संगठन में भर्ती कर रहे हैं। इन ग्रामीणों को संगठन में भर्ती के बदले 5 से 10 हजार रुपए दिए जा रहे हैं।
बादल को भी 5 हजार रुपए महीने की सैलरी पर नक्सली दलम में लाए थे। लेकिन कई महीनों तक उसे रुपए नहीं मिले, तो उसने दलम छोड़ दिया और अपने घर वापस आ गया। बाद में नक्सली उसे धमकाकर फिर दलम में वापस ले आए।
बादल ने ये भी बताया था कि सैलरी के नाम पर युवाओं को ठगा जा रहा है। नक्सली एक बार भर्ती होने के बाद कोई सैलरी नहीं देते, ऐसे में कई युवा दलम छोड़ना चाहते हैं, लेकिन नक्सलियों के डर की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाते।
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