छत्तीसगढ़: 25 CRPF जवानों के कत्ल का आरोप, अब इस इनामी नक्सली दंपति ने किया सरेंडर

नक्सली दंपति वेट्टी हुर्रा और कलमु हुये ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। वेट्टी हुर्रा ‘‘मिलिशिया कमांडर’’ था, जबकि उसकी पत्नी कलमु हुये माओवादी मोर्चा संगठन क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन (काम्स) की कार्यकर्ता थी।

naxal, naxal couple surrendered, chhattisgarh naxal, chhattisgarh police, naxal, surrendered, sirf sach, sirfsach.in

छत्तीसगढ़ पुलिस के सामने एक-एक लाख के ईनामी दंपति ने आत्मसमर्पण कर दिया।

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में पुलिस के सामने एक-एक लाख के इनामी दंपति ने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा के अनुसार, नक्सली दंपति वेट्टी हुर्रा और कलमु मुइये ने 9 जून को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। वेट्टी हुर्रा ‘‘मिलिशिया कमांडर’’ था, जबकि उसकी पत्नी कलमु मुइये माओवादी मोर्चा संगठन क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन (काम्स) की कार्यकर्ता थी। इन दोनों पर प्रशासन की ओर से एक-एक लाख रुपये का इनाम रखा गया था। एसपी ने कहा कि वेट्टी 24 अप्रैल, 2017 को सुकमा के बुरकापाल इलाके में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों पर हुये घातक हमले में शामिल था, जिसमें 25 सैनिक शहीद हो गये थे और सात घायल हुए थे। इसके अलावा भी ये दोनों अन्य कई नक्सली वारदातों में शामिल थे।

इससे पहले, सरकार की पुनर्वास नीतियों से प्रभावित होकर दंतेवाड़ा जिले में एक नक्सली कमांडर ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। समर्पण करने वाले नक्सली का नाम बामन बेको है। वह नारायपुर जिले के ओरछा का जनमिलीशिया कमांडर था। साथ ही वह पिछले 15 सालों से इलाके में नक्सली गतिविधियों में सक्रिय था। संगठन में रहते हुए उसने कई नक्सली घटनाओं को अंजाम दिया है। उसके सिर पर प्रशासन ने एक लाख का इनाम रखा था। नक्सली बामन ने बताया कि उसने सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया। इस नक्सली कमांडर ने 4 जून को दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय पहुंचकर यहां पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव के सामने हथियार डाल दिया।

नक्सली बामन बोको ने पुलिस के सामने समाज की मुख्यधारा से जुड़कर एक आम नागरिक की तरह जिंदगी जीने की इच्छा जताई। 26 साल के बामन ने बताया कि वह नक्सल संगठन में साल 2005 में शामिल हुआ था। तब उसकी उम्र महज 15 साल थी। नक्सलियों के बाल संघम के सदस्य के रूप में वह वहां भर्ती हुआ था। इस दौरान वह नए युवाओं को संगठन में जोड़ने और बाहर से आने वाले बड़े नक्सलियों के लिए भोजन और आवास की व्यवस्था करने के लिए काम करता था। नक्सल संगठन में भेदभाव और उनकी खोखली विचारधारा की वजह से संगठन से उसका मोह भंग हो गया और उसने आत्मसमर्पण का निर्णय लिया।

यह भी पढ़े: मासूम बच्चे को जबरदस्ती बंदूक थमा बना दिया नक्सली, पढ़िए एक बाल नक्सली की खौफनाक कहानी

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें