झारखंड: इनामी माओवादी तूफान दा के शव की पहचान को लेकर हंगामा, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

पत्नी प्रमिला मेहरा समेत ग्रामीणों ने ये आरोप लगाया कि ये शव किसी नक्सली का नहीं, बल्कि पीरटांड के गम्हरा गांव निवासी 45 वर्षीय राजकुमार किस्कू का है।

Toodfan Da

ग्रामीणों को समझाते विधायक सोनू

परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस राजकुमार किस्कू को पुलिस तूफान दा (Toodfan Da) बता रही है, वह है ही नहीं। दरअसल, मृतक तूफान दा उर्फ राजकुमार किस्कू और उसके बड़े भाई किशोर किस्कू को पुलिस एक ही व्यक्ति इनामी माओवादी तूफान दा उर्फ राजकुमार किस्कू बताई थी और उसे गिरफ्तार कर लिया था।

गिरिडीहः रिम्स में इलाज के दौरान इनामी माओवादी तूफान दा (Toodfan Da) उर्फ राजकुमार किस्कू की मौत पर विवाद हो गया है। तूफान का शव गुरुवार को पीरटांड के मांझीडीह गांव पहुंचा, लेकिन उनके परिजनों और ग्रामीणों ने शव लेने के दौरान जमकर हंगामा काटा।

मृतक की पत्नी प्रमिला मेहरा समेत ग्रामीणों ने ये आरोप लगाया कि ये शव किसी नक्सली का नहीं, बल्कि पीरटांड के गम्हरा गांव निवासी 45 वर्षीय राजकुमार किस्कू का है।

परिजनों और ग्रामीणों के आरोप के बाद अब गिरिडीह पुलिस भी सवालों के घेरे में है क्योंकि एक तरफ परिजनों ने पुलिस पर नक्सली बताकर मृतक को गिरफ्तार करने का आरोप लगाया, वहीं दूसरी तरफ बीमार होने के बाद गिरिडीह जेल में बंद मृतक को इलाज के लिए जेल प्रशासन की अपील के बाद भी वक्त पर सुरक्षा के लिए गिरिडीह पुलिस ने पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया।

लिहाजा इस मामले में पुलिस की परेशानी बढ़ सकती है क्योंकि विधायक सोनू ने इस मामले को सीएम के सामने उठाने की बात कही है। इसके साथ ही विधायक ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का भी भरोसा दिलाया है।

दरअसल मृतक का शव गांव पहुंचने के बाद विधायक सोनू भी गांव पहुंचे थे। इस दौरान ग्रामीणों और परिजनों ने ये दावा किया कि राजकुमार का माओवादियों से कोई संबंध नहीं था।

काफी हंगामे के बाद ही मृतक राजकुमार किस्कू के शव को परिजनों ने अंतिम संस्कार के लिए स्वीकार किया। मृतक के शव के मांझीडीह गांव पहुंचने से पहले ही वहां काफी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई थी। परिजनों और ग्रामीणों के हंगामे के कारण पीरटांड पुलिस की भी घबराहट बढ़ी हुई थी।

मृतक की पत्नी का कहना है कि उसका पति राजकुमार किस्कू मांझीडीह गांव में ही समोसे की दुकान चलाता था। ऐसे में पुलिस उसे नक्सली क्यों और किस आधार पर बता रही है।

इधर परिजनों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस राजकुमार किस्कू को पुलिस इनामी नक्सली तूफान दा (Toodfan Da) बता रही है, वह है ही नहीं। दरअसल, मृतक तूफान दा उर्फ राजकुमार किस्कू और उसके बड़े भाई किशोर किस्कू को पुलिस एक ही व्यक्ति इनामी माओवादी तूफान दा उर्फ राजकुमार किस्कू बताई थी और उसे गिरफ्तार कर लिया था।

वहीं ग्रामीणों का दावा है कि मृतक व उसका बड़ा भाई किशोर किस्कू दो अलग-अलग व्यक्ति हैं, लेकिन किशोर किस्कू कहां है, इसकी जानकारी उसके परिजनों को भी नहीं है।

परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि मृतक कुछ सालों से मांझीडीह गांव में दुकान लगाकर समोसा बेचने का काम कर रहा था। सालों से दुकानदारी करने वाले व्यक्ति को पुलिस ने पहले क्यों नहीं गिरफ्तार किया?

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बता दें कि मृतक तूफान दा (Toodfan Da) उर्फ राजकुमार किस्कू को पीरटांड पुलिस ने 4 महीने पहले 14 जुलाई को पीरटांड के मांझीडीह गांव से गिरफ्तार किया था। उसे तूफान दा बताया गया था। इसके बाद पुलिस ने उसे जेल भेज दिया, जहां एक महीने पहले वह गंभीर रूप से बीमार हो गया।

जेल प्रशासन द्वारा मृतक राजकुमार का कुछ दिन जेल में इलाज कराया गया। लेकिन हालात नहीं सुधरे। इसके बाद जेल प्रशासन ने तूफान दा उर्फ राजकुमार किस्कू को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजने के लिए पत्राचार कर सुरक्षा बल उपलब्ध कराने की मांग की। जेल प्रशासन की मानें तो सुरक्षाबल के लिए 23 सितंबर को पत्राचार किया गया था, लेकिन पुलिस बल 15 दिन लेट 10 अक्टूबर को दिया गया।

इस बीच जेल प्रशासन ने मृतक को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा था। जहां कुछ दिन इलाज होने के बाद पुलिस सुरक्षा में मृतक को रांची रिम्स भेजा गया। यहां 4 दिन पहले तूफान दा उर्फ राजकुमार किस्कू की मौत हुई। इधर इस मामले में एसपी अमित रेणु से संपर्क का प्रयास किया गया। लेकिन एसपी से संपर्क नहीं हो पाया।

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