झारखंड: NIA के सामने TPC के कुख्यात उग्रवादी मुकेश गंझू ने उगले राज, बीजीआर कंपनी से जुड़ा है लिंक

झारखंड में इन दिनों भाकपा माओवादियों के साथ साथ टीपीसी के कई कुख्यात उग्रवादियों के खिलाफ एनआईए ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है।

TPC

मुकेश गंझू

TPC के मुकेश गंझू ने कुछ दिन पहले चतरा पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक, मुकेश ने एनआईए को बताया था कि ब्रजेश गंझू, बीजीआर कंपनी के काम में हमेशा मदद करता था, इसके बदले में उसे मोटी रकम मिलती थी। ब्रजेश के इशारे पर मुकेश इस काम को मैनेज करता था।

रांची: एनआईए (NIA) के सामने टीपीसी (TPC) के कुख्यात उग्रवादी मुकेश गंझू ने कई राज उगले हैं। इसमें बीजीआर कंपनी के जीएम और टीपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू की सांठ गांठ सामने आई है।

झारखंड में इन दिनों भाकपा माओवादियों के साथ साथ टीपीसी के कई कुख्यात उग्रवादियों के खिलाफ एनआईए ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। इस दौरान एनआईए को कई अहम सुराग मिले हैं।

दरअसल टीपीसी (TPC)  में दूसरे नंबर की पोजीशन रखने वाले 15 लाख के इनामी मुकेश से एनआईए ने घंटों पूछताछ की, जिसमें उसने कई राज उगले थे।

सूत्रों के मुताबिक, मुकेश ने बीजीआर कंपनी के जीएम रघुराम रेड्डी और टीपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू के बीच के संबंधों के बारे में एनआईए को बताया। उसने रघुराम रेड्डी के द्वारा ब्रजेश गंझू को मोटी रकम दिए जाने की भी जानकारी दी।

बता दें कि मुकेश गंझू ने कुछ दिन पहले चतरा पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक, मुकेश ने एनआईए को बताया था कि ब्रजेश गंझू, बीजीआर कंपनी के काम में हमेशा मदद करता था, इसके बदले में उसे मोटी रकम मिलती थी। ब्रजेश के इशारे पर मुकेश इस काम को मैनेज करता था।

इस बात की भी जानकारी मिली है कि बीजीआर कंपनी की जीएम द्वारा ब्रजेश को उरीमारी और आम्रपाली कोल परियोजना के सफल संचालन के लिए मोटी रकम लेवी के रूप में दी जाती थी। हालांकि एनआईए अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

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बता दें कि कुछ दिन पहले रेड्डी ने यह बयान देकर सनसनी फैला दी थी कि कोयले की काली कमाई में मंत्री और कुछ पत्रकार भी शामिल हैं। रेड्डी के इस सनसनीखेज बयान पर चतरा जिले के टड़वा थाने में लेवी वसुलने वाली एक टीम के कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसकी तहकीकात में अब एनआईए लग चुकी है।

मुकेश गंझू ने एनआईए के सामने ये खुलासा किया कि जीएम रेड्डी और ब्रजेश गंझू कोल उत्पादन हेतु ग्राम सभा मे एक साथ बैठते थे। इसमें सीसीएल के कई बड़े अधिकारी भी शामिल होते थे।

कोल परियोजना के लिए ब्रजेश बंदूक की नोक पर ग्रामीणों को जमीन देने के लिए दबाव डालता था, इसके बदले में रेड्डी के माध्यम से उसे भारी भरकम रकम मिलती थी।

बता दें कि 2018 में एनआईए द्वारा एक साथ चतरा, आम्रपाली कोल परियोजना में लगे कोल परिवहन कम्पनी के अधिकारियों के घरों व दफ्तरों में छापेमारी की गई थी, इसमें एनआईए ने 68 लाख रुपए की बरामदगी की थी।

फिलहाल एनआईए ने अपना अभियान तेज करते हुए कोल परियोजना अधिकारियों और कुख्यात उग्रवादियों के बीच के संबंधों के बारे में खंगालना शुरू कर दिया है। आने वाले समय में चौंकाने वाली बातें सामने आ सकती हैं।

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