झारखंड: कुख्यात नक्सली कृष्णा हांसदा समेत 9 नक्सलियों पर चलेगा आतंकवाद का मुकदमा, प्रशासन ने कसी कमर

कृष्णा हांसदा उर्फ अविनाश दादा के खिलाफ आतंकवाद का एक मुकदमा चलाने का रास्ता साफ हो गया है क्योंकि राज्य सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर।

कृष्णा (Krishna Hansda), पीरटांड़ प्रखंड के मंझलाडीह का निवासी है। इसके खिलाफ जिले के कई थानों में नक्सलवाद सहित कई घटनाओं को अंजाम देने का मामला दर्ज है।

रांची: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। ताजा मामला ये है कि भाकपा माओवादी के पारसनाथ जोन के कमांडर कृष्णा सहित 9 नक्सलियों पर आतंकवाद का मुकदमा दर्ज होगा। इसके अलावा अन्य मुख्य नक्सलियों के खिलाफ भी आतंकवाद का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

कृष्णा हांसदा (Krishna Hansda) उर्फ अविनाश दादा के खिलाफ आतंकवाद का एक मुकदमा चलाने का रास्ता साफ हो गया है क्योंकि राज्य सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है।

बता दें कि कृष्णा, पीरटांड़ प्रखंड के मंझलाडीह का निवासी है। इसके खिलाफ जिले के कई थानों में नक्सलवाद सहित कई घटनाओं को अंजाम देने का मामला दर्ज है।

कुख्यात नक्सली कृष्णा हांसदा के साथ विजय मरांडी, विनोद हांसदा, बिजुन किस्कू, दुर्गा टूडू, लक्ष्मण राय, बैजनाथ महतो, चुरामन मुर्मू, बाबूलाल मुर्मू के खिलाफ आतंकवाद से संबंधित मामला चलाया जाएगा।

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कहा जाता है कि तत्कालीन पीरटांड़ के थाना प्रभारी रुखसार अहमद द्वारा यह प्राथमिकी दर्ज करवाई गई थी। उन्हें सूचना मिली थी कि कृष्णा हांसदा अपने साथी नक्सलियों के साथ आसपास के जंगल में मौजूद हैं। इसके बाद एसपी ऑपरेशन के नेतृत्व में पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने इन इलाकों की घेराबंदी की।

इस दौरान कुछ नक्सली भागने लगे जिसे सीआरपीएफ और पुलिस ने धर दबोचा। दोनों नक्सलियों का नाम बाबूलाल मुर्मू और विजय मरांडी बताया गया था। इन दोनों नक्सलियों ने स्वीकार किया कि वो कृष्णा के लिए काम करते हैं और नक्सलियों के जरूरत के सामान को नक्सलियों तक पहुंचाते हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक, वे एक नक्सली की लड़की की शादी का सामान खरीदने के लिए आए हुए थे। पुलिस ने इन दोनों नक्सलियों को धर दबोचने के बाद इनकी निशानदेही पर विनोद हांसदा के घर से फर्नीचर ,बाइक ,मोबाइल सहित अन्य सामान बरामद किया था। इनके घर के बगल में बने एक झोपड़ी में जमीन के नीचे से पुलिस ने एक पाइप बम बरामद किया था।

बता दें कि इन नक्सलियों के खिलाफ पूर्व में ही देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मंजूरी राज्य सरकार ने दे दी है। इसमें गिरिडीह उपायुक्त ने अनुशंसा की थी।

बता दें कि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम 1967 में लाया गया था। इसके बाद 2019 में इस कानून में संशोधन किया गया। इसके साथ ही सिर्फ संस्थाओं को ही नहीं बल्कि व्यक्ति को भी आतंकवादी घोषित किया जा सकता है। इसके लिए उस व्यक्ति का किसी आतंकी संगठन से संबंध दिखाना भी जरूरी नहीं है।

गैर कानूनी गतिविधियों, देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को भंग करने वाली गतिविधियों को आतंकवाद की कार्रवाई कहा जाता है।

मिली जानकारी के मुताबिक, 2020 में जितने भी बड़े कुख्यात नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं, उनके खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा आतंकवाद का मुकदमा चलाने के लिए पूरी तैयारी की जा रही है।

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