झारखंड: संगठन का विस्तार करने में लगे नक्सली, 15 से 25 साल के नौजवानों को भर्ती के बदले दी जा रही सैलरी

राज्य में नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच खबर सामने आई है कि नक्सली अपना संगठन मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर।

लॉकडाउन की वजह से भी नक्सलियों (Naxalites) को काफी नुकसान हुआ है। इससे नक्सलियों की आर्थिक हालत खराब हुई है, और पुलिस की कार्रवाई से उनकी कमर टूट गई है।

झारखंड: राज्य में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच खबर सामने आई है कि नक्सली अपना संगठन मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं और कई क्षेत्रों में भर्ती और प्रशिक्षण अभियान चलाया जा रहा है।

खबर ये भी है कि नक्सली, 15 से 25 साल के युवाओं को संगठन में भर्ती कर रहे हैं और उन्हें बंदूक चलाने की ट्रेनिंग के साथ-साथ वेतन भी दिया जा रहा है। यही नहीं, जो युवा नक्सली संगठन में भर्ती होने से मना कर रहे हैं, उन्हें जबरदस्ती संगठन में भर्ती किया जा रहा है।

नक्सलियों (Naxalites) द्वारा संगठन विस्तार के लिए झारखंड के पारसनाथ ,बूढ़ा पहाड़ ,पोड़ाहाट ,कोल्हान और उत्तरी छोटानागपुर के कई सेफ जोन में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

कहा जा रहा है कि नक्सलियों के पास जो पुराने पैसे हैं, नोटबंदी की वजह से अब वह कोई काम के नहीं हैं। इसलिए नक्सली अपने संगठन को मजबूत करने के लिए भर्ती कर रहे हैं। भाकपा माओवादी संगठन के नेता अपने सेफ जोन में संगठन का विस्तार कर रहे हैं।

लॉकडाउन की वजह से भी नक्सलियों को काफी नुकसान हुआ है। इससे नक्सलियों की आर्थिक हालत खराब हुई है, और पुलिस की कार्रवाई से उनकी कमर टूट गई है।

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बीते 5 सालों में कई नक्सली ढेर हुए हैं और कई ने सरेंडर किया है। कई नक्सलियों की संपत्ति भी कुर्क हुई है।

खबर है कि माओवादी संगठन गिरिडीह, हजारीबाग, चतरा, लातेहार, पलामू, गुमला, खूंटी, सराइकेला और पश्चिमी सिंहभूम में संगठन विस्तार पर काम कर रहा है।

कंपनियों और ठेकेदारों से लेवी की मांग की जा रही है। इस बार संगठन में भर्ती करने के ट्रेंड में भी बदलाव आया है। पहले समाज में बदलाव की बात होती थी, लेकिन अब जन संघर्ष को पैसे से जोड़ दिया गया है।

युवाओं के साथ-साथ बच्चों को भी हर महीने 10 से 12 हजार रुपए वेतन का लालच दिया जा रहा है और उन्हें भर्ती किया जा रहा है। कयास लगाया जा रहा है कि सितंबर से 15 नवंबर तक राज्य में 800 से अधिक युवाओं और बच्चों को संगठन में शामिल किया गया है।

भर्ती होने वाले 8 से 25 साल के लड़के, लड़कियां हैं। संगठन से दूर हुए पूर्व नक्सलियों को भी माओवादियों द्वारा जोड़ा जा रहा है। झारखंड के लातेहार स्थित बूढ़ा पहाड़ और पश्चिमी सिंहभूम के कोल्हान के पोड़ाहाट जंगल में भर्ती कैंप चलाया जा रहा है, इन जगहों पर पुलिस को जाने में मुश्किल होती है।

सूत्रों का कहना है कि नक्सली, इन जगहों पर आईईडी प्लांट करते हैं, जिसकी वजह से पुलिस को काफी नुकसान पहुंच सकता है।

सूत्रों के अनुसार, नक्सलियों ने बूढ़ा पहाड़ में 300 और कोल्हान पोड़ाहाट के जंगल में 200 से अधिक युवाओं और बच्चों को प्रशिक्षण देते हुए सरकार और प्रशासन के खिलाफ दुश्मनी का बीज बो दिया है।
आगे चलकर ये बच्चे समाज के लिए खतरा बन सकते हैं।

नक्सलियों के बड़े नेताओं द्वारा इन बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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