झारखंड: विकास कार्यों में सबसे बड़े बाधक हैं नक्सली, लेवी वसूल बढ़ा रहे निजी संपत्ति

झारखंड के विकास में नक्सलियों द्वारा लेवी की वसूली एक बड़ी बाधा है। राज्य में सक्रिय अलग-अलग उग्रवादी और नक्सली संगठन (Naxal Organizations) विकास योजनाओं में लेवी की मांग करते रहे हैं।

Naxal Organizations

राज्य में सक्रिय अलग-अलग उग्रवादी और नक्सली संगठन (Naxal Organizations) विकास योजनाओं में लेवी की मांग करते रहे हैं

झारखंड के विकास में नक्सलियों द्वारा लेवी की वसूली एक बड़ी बाधा है। राज्य में सक्रिय अलग-अलग उग्रवादी और नक्सली संगठन (Naxal Organizations) विकास योजनाओं में लेवी की मांग करते रहे हैं और लेवी नहीं मिलने पर हत्या और आगजनी की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। पुलिस घटना की जांच करने और योजना को पूरा कराने के लिए कार्य में लगी कंपनियों को सुरक्षा प्रदान करती है।

Naxal Organizations
राज्य में सक्रिय नक्सली संगठन सरकार की विकास योजनाओं में सबसे बड़े बाधक हैं।

झारखंड के विकास में नक्सलियों द्वारा लेवी की वसूली एक बड़ी बाधा है। राज्य में सक्रिय अलग-अलग उग्रवादी और नक्सली संगठन  (Naxal Organizations) विकास योजनाओं में लेवी की मांग करते रहे हैं और लेवी नहीं मिलने पर हत्या और आगजनी की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। पुलिस घटना की जांच करने और योजना को पूरा कराने के लिए कार्य में लगी कंपनियों को सुरक्षा प्रदान करती है। निर्माण स्थल पर पुलिस कैंप भी करती है। लेकिन मौका पाकर नक्सली लेवी के लिए दहशत फैलाने के उद्देश्य से निर्माण कार्य में लगे वाहनों में आग लगा रहे हैं और विकास कार्य में लगे कर्मियों की हत्या भी कर रहे हैं।

दे चुके हैं कई हिंसक घटनाओं को अंजाम

नक्सलियों का मकसद है कि लोगों में दहशत फैले और इन्हें लेवी के तौर पर मोटी रकम मिलती रहे। इससे साफ है कि नक्सली विकास के खिलाफ हैं। प्रदेश में आए दिन नक्सलियों द्वारा ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। बीते 3 जनवरी को हजारीबाग जिले में नक्सलियों ने छह वाहनों में आग लगा दी थी। जिले के केरेडारी और पिपरवार पुलिस थानों के बीच स्थित कारीगर नदी पर एक पुल के निर्माण से जुड़े एक निजी कंपनी के कैंप कार्यालय पर 20 से 25 नक्सलियों ने हमला किया था।

मुंशी की कर दी थी हत्या

24 जनवरी को बोकारो के गोमिया प्रखंड अंतर्गत तुलबुल पंचायत में नक्सलियों ने जमकर उत्पात मचाया था। 12 फरवरी को भी गुमला में पीएलएफआइ उग्रवादी संगठन (Naxal Organizations) के सदस्यों ने बांसडीह बाघ बोड़ा के पास सड़क निर्माण में लगे जेसीबी को आग के हवाले कर दिया था। इलाके के लुगू की तलहटी पिंडरा गांव के पास टूटीझरना के समीप नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगी कंपनी के एक जेसीबी और ट्रैक्टर को आग के हवाले कर दिया था। जबकि, पिंडरा निवासी मुंशी रमेश मांझी को गोली मारकर हत्या कर दी थी। मुंशी की हत्या के पीछे भी लेवी ही मकसद था।

लेवी से संगठन के बड़े नेता बढ़ा रहे हैं अपनी संपत्ति

पुलिस द्वारा नक्सल प्रभावित इलाके में काम कर रही कंपनियों को सुरक्षा प्रदान करने की वजह से काम सुचारू रूप से चलता है। लेकिन, पुलिस के हटते ही नक्सली अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देते हैं। राज्य भर में चल रही विकास की बड़ी-बड़ी योजनाएं लेवी के कारण बाधित होती रहती हैं। यदि लेवी नहीं दी जाती है को नक्सली किसी न किसी तरह से कार्य में बाधा डालते हैं। दरअसल, लेवी से वसूले गए रुपयों से नक्सली एक तरफ अपने संगठन (Naxal Organizations) को मजबूत कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ संगठन के बड़े नेता अपनी संपत्ति भी बढ़ा रहे हैं। हालांकि पुलिस इसको रोकने के लिए मुस्तैद है। कुछ मामलों में पुलिस को सफलता भी मिली है।

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