झारखंड: गिरिडीह में एक लाख के इनामी नक्सली कार्तिक महतो ने किया सरेंडर, पुलिस को लंबे समय से थी इसकी तलाश

झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह (Giridih) जिले में पुलिस (Police) को नक्सलवाद (Naxalism) के खिलाफ एक और कामयाबी हाथ लगी है।

Naxalite Surrenders

नक्सली कार्तिक महतो।

धनबाद से लेकर गिरिडीह तक आतंक का पर्याय रहे एक लाख के इनामी नक्सली कार्तिक महतो ने 8 अक्टूबर को सरेंडर (Naxalite Surrenders) कर दिया।

झारखंड (Jharkhand) के गिरिडीह (Giridih) जिले में पुलिस (Police) को नक्सलवाद (Naxalism) के खिलाफ एक और कामयाबी हाथ लगी है। धनबाद से लेकर गिरिडीह तक आतंक का पर्याय रहे एक लाख के इनामी नक्सली कार्तिक महतो ने 8 अक्टूबर को सरेंडर (Naxalite Surrenders) कर दिया। नक्सली कार्तिक ने गिरिडीह पुलिस अधिकारी के सामने सरेंडर किया है।

पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। बता दें कि वह मूल रूप से खुखरा थाना क्षेत्र के तजिलिगटांड़ बदगांव का रहनेवाला है। सूत्रों के अनुसार, नक्सली संगठन से जुड़ने के बाद कार्तिक महतो कुछ सालों तक सक्रिय होकर काम कर रहा था।

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लेकिन कुछ साल पहले वह काम करने चेन्नई चला गया था। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण देशभर में हुए लॉकडाउन के बाद वह वापस झारखंड लौट आया था और फिर संगठन से जुड़ गया था।

नक्सली कार्तिक महतो के घर लौटने की जानकारी जब कार्तिक के गांव के लोगों को मिली, तो कुछ लोगों ने उसे बताया कि उसकी तलाश में कई बार पुलिस आई थी और उसे गिरफ्तार करने में जुटी हुई है।

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इसके बाद नक्सली कार्तिक को लगा कि अगर वह सरेंडर नहीं करेगा, तो मुठभेड़ में वह मारा जा सकता है। इसके बाद उसने सरेंडर (Naxalite Surrenders) करने का फैसला किया।

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