Jharkhand: चतरा में 2 इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर, प्रतिबंधित संगठन TSPC का सच आया सामने

झारखंड (Jharkhand) में नक्सलियों (Naxalites) पर पुलिस (Jharkhand Police) की कार्रवाई का असर दिख रहा है। राज्य में प्रतिबंधित टीएसपीसी (TSPC) संगठन को बड़ा झटका लगा है।

Naxalites Surrender

चतरा में टीएसपीसी के 2 बड़े इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण (Naxalites Surrender) कर दिया है।

राज्य में प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी (TSPC) को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, चतरा में टीएसपीसी के 2 बड़े इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण (Naxalites Surrender) कर दिया है।

झारखंड (Jharkhand) में नक्सलियों (Naxalites) पर पुलिस (Jharkhand Police) की कार्रवाई का असर दिख रहा है। राज्य में प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी (TSPC) को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, चतरा में टीएसपीसी के 2 बड़े इनामी नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण (Naxalites Surrender) कर दिया है।

जानकारी के अनुसार, 10 लाख के इनामी पूर्व जोनल कमांडर रघुवंश गंझू उर्फ चिरेतन और एक लाख के इनामी पूर्व सब जोनल कमांडर लक्ष्मण गंझू उर्फ पत्थर ने सरेंडर किया है। दोनों नक्सलियों ने हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया।

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इस दौरान जोनल कमांडर रघुवंश ने .303 बोर के एक रायफल, मैगजीन और 8 एमएम के 200 राउंड जिंदा कारतूस और लक्ष्मण उर्फ पत्थर ने एक एसएलआर, 7.62 एमएम के 145 राउंड जिंदा कारतूस, तीन एसएलआर मैगजीन, वर्दी और व एम्युनेशन पुलिस को सौंपा।

सरेंडर के बाद डीसी, एसपी और एसडीपीओ ने दोनों नक्सलियों के परिवार वालों को इनामी राशि का चेक दिया। इस मौके पर डीसी दिव्यांशु झा और एसपी ऋषभ झा ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को गुलदस्ता देकर स्वागत किया।

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आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का स्वागत करते हुए डीसी और एसपी ने कहा कि नक्सलवाद (Naxalism) का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने वाले नक्सलियों के लिए सरकार का द्वार खुला हुआ है। सरकार न सिर्फ उन्हें आत्मसमर्पण नीति का संपूर्ण लाभ देगी, बल्कि उनके गांव घर के विकास का भी रूपरेखा तैयार कर उन्हें विकास की सौगात देगी।

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वहीं, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों (Naxalites Surrender) ने कहा है कि आज टीएसपीसी नक्सली संगठन का अस्तित्व लगभग खत्म हो चुका है। संगठन में गिने-चुने लोग ही बचे हैं। ऐसे में अब संगठन का झंडा ढोने की बजाय मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास में अपनी भूमिका निभाना ही एकमात्र विकल्प है।

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