Jharkhand: चतरा में 15 लाख के कुख्यात नक्सली मुकेश गंझू ने किया सरेंडर, 13 साल की उम्र में संगठन में हुआ था भर्ती

झारखंड (Jharkhand) के चतरा में पुलिस की दबिश के कारण 15 लाख के इनामी नक्सली कमांडर मुकेश गंझू उर्फ मुनेश्वर (Naxali Commander Mukesh Ganjhu) ने सरेंडर (Surrender) कर दिया।

Naxali Commander Mukesh Ganjhu

Naxali Commander Mukesh Ganjhu

टेरर फंडिंग (Terror Funding) के मामले में एनआईए, मुकेश गंझू (Naxali Commander Mukesh Ganjhu) को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है।

प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीएसपीसी (TSPC) को बड़ा झटका लगा है। झारखंड (Jharkhand) के चतरा में पुलिस की दबिश के कारण 15 लाख के इनामी नक्सली कमांडर मुकेश गंझू उर्फ मुनेश्वर (Naxali Commander Mukesh Ganjhu) ने सरेंडर (Surrender) कर दिया। वह प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीएसपीसी (TSPC) का सेकेंड कमांड था। नक्सली कमांडर मुकेश गंझू ने चतरा एसपी ऋषभ कुमार झा की मौजूदगी में हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया।

पत्रकार हत्याकांड और कोयलांचल में टेरर फंडिंग सहित कई मामलों में पुलिस और एनआईए (NIA) को उसकी तलाश थी। सरकार ने एक सप्ताह पहले ही उसपर घोषित इनामी राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख कर दिया था। सरेंडर के बाद मुकेश गंझू को मयूरहंड थाने में रखा गया।

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बता दें कि पत्रकार इंद्रदेव यादव हत्याकांड, पुलिस पर हमला और लेवी वसूली सहित दो दर्जन से अधिक मामलों में चतरा पुलिस को उसकी तलाश थी। इसके अलावा, टेरर फंडिंग मामले में एनआईए भी उसे ढूंढ़ रही थी। चतरा पुलिस ने चार दिन पहले ही मुकेश समेत 4 उग्रवादियों की तस्वीर जारी की थी।

बताया जा रहा है कि टेरर फंडिंग मामले में एनआईए, मुकेश गंझू (Naxali Commander Mukesh Ganjhu) को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर सकती है। उससे लेवी वसूली के अलावा हथियार बरामदगी के केस में भी पूछताछ की जा सकती है। जानकारी के मुताबिक, मुकेश गंझू के खिलाफ झारखंड के अलावा बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ में भी मामले दर्ज हैं।

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गौरतलब है कि मुकेश गंझू 13 साल की उम्र में ही भाकपा माओवादी संगठन के बाल दस्ते में शामिल हुआ था। साल 2004 में ब्रजेश गंझू ने मुकेश गंझू, आक्रमण गंझू, कोहराम गंझू और निलेश गंझू उर्फ करीमन के साथ मिलकर आरसीसी नामक अलग संगठन बनाया। दो साल बाद संगठन का नाम टीपीसी कर दिया गया। साल 2015 में इसे टीएसपीसी कर दिया गया।

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