
सुकमा में दो नक्सलियों ने किया सरेंडर।
नक्सल प्रभावित राज्यों में सरकार की योजनाओं और पुनर्वास नीतियों का असर देखने को मिल रहा है। इन इलाकों में नक्सलियों का आत्मसमर्पण जारी है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में कोंटा पुलिस को एक बार फिर कामयाबी मिली है। प्रशासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 1 लाख के इनामी नक्सली सहित 2 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में एक मिलिशिया सदस्य मड़कम देवा (22) और है दूसरा एलओएस सदस्य मुचाकी देवा (23)। इनमें से एक नक्सली मड़कम देवा 2013 में पूर्व नक्सली कमांडर अर्जुन का गार्ड था। उस पर प्रशासन की ओर से 1 लाख रूपए का इनाम घोषित था।
ये दोनों नक्सली सुरक्षाबलों पर फायरिंग, आईईडी ब्लास्ट, जवानों के साथ लूट-पाट, सड़क काटना जैसी कई नक्सली गतिविधियों में शामिल रह चुके हैं। नक्सलियों की खोखली विचारधारा से त्रस्त होकर इन दोनों ने समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए कदम बढ़ाते हुए 3 जुलाई को कोंटा पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। इन दोनों नक्सलियों को सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत सभी सुविधाएं दी जाएंगी। इससे पहले भी सुकमा जिले में ही दो नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। इनमें से एक इनामी नक्सली था। सुकमा जिले के पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 15 जून को चिंतलनार पुलिस थाने में नक्सली मड़कम भीमा जिसकी उम्र 25 साल है और लेकाम मासा जिसकी उम्र 30 साल है, ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, भीमा नक्सलियों की चेतना नाट्य मंडली का कमांडर है और मासा इस मंडली का सदस्य था। आत्मसमर्पण करने वाले इन दोनों नक्सलियों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, पुलिस दल पर हमला समेत कई मामले दर्ज हैं। भीमा के सिर पर प्रशासन की ओर से एक लाख रूपए का इनाम घोषित था। नक्सलियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने माओवादी विचारधारा और उनके शोषण, अत्याचार और भेदभाव से तंग आकर आत्मसमर्पण किया।
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