छत्तीसगढ़: बीजापुर के दरभा में पुलिस कैंप खुलने पर ग्रामीण मना रहे उत्सव, सिलगेर में हो रहा विरोध

Chhattisgarh: ये सिलगेर और दरभा के ग्रामीणों के नजरिए का ही फर्क है। क्योंकि सिलगेर के ग्रामीण जवानों को अपना दुश्मन मान रहे हैं।

Chhattisgarh Police Camp

दरभा में पुलिस कैंप खुलने के मौके पर ग्रामीणों ने जवानों के साथ खाना खाया।

Chhattisgarh: बीजापुर के ही दरभा में ग्रामीण, पुलिस कैंप खुलने पर जश्न मना रहे हैं और पारंपरिक गीतों पर डांस कर रहे हैं। दरभा में ग्रामीणों ने जवानों के साथ बैठकर खाना भी खाया है।

बीजापुर: कहते हैं कि नजरिया बदल दो तो जिंदगी बदल जाती है। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित इलाकों पर भी यही कहावत लागू होती है। ताजा मामला ये है कि एक तरफ छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर स्थित गांव सिलगेर में ग्रामीण 20 दिन से पुलिस कैंप खुलने का विरोध कर रहे हैं, वहीं बीजापुर के ही दरभा में ग्रामीण, पुलिस कैंप खुलने पर जश्न मना रहे हैं और पारंपरिक गीतों पर डांस कर रहे हैं। दरभा में तो ग्रामीणों ने जवानों के साथ बैठकर खाना भी खाया है।

ये सिलगेर और दरभा के ग्रामीणों के नजरिए का ही फर्क है। क्योंकि सिलगेर के ग्रामीण जवानों को अपना दुश्मन मान रहे हैं, इसलिए पुलिस कैंप का विरोध कर रहे हैं और दरभा के ग्रामीण, जवानों को अपना हमदर्द मान रहे हैं, इसलिए जवानों के साथ उत्सव मना रहे हैं।

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बता दें कि दरभा एक नक्सल प्रभावित गांव है, जिसकी आबादी करीब 800 लोगों की है। इस गांव में नक्सलियों का वर्चस्व है। जब यहां पुलिस कैंप खुला तो ग्रामीणों को एक नई उम्मीद दिखाई दी और वह कैंप खुलने से बहुत खुश हैं और अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ये कैंप 15-20 दिन पहले ही खुला है।

वहीं सिलगेर बीजापुर-सुकमा बार्डर पर स्थित गांव है। यहां के ग्रामीण 20 दिन से सिलगेर में कैंप खुलने का विरोध कर रहे हैं। यहां 17 मई को फायरिंग भी हुई, जिसमें 3 लोगों की मौत हो चुकी है।

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