सांकेतिक तस्वीर।
एसएस ध्रुवे कई नक्सली (Naxalites) अभियान में शामिल रहे और इस दौरान करीब 313 नक्सली एनकाउंटर में मारे गए। यही वजह है कि नक्सली, उन्हें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।
भिलाई: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए तेजी से अभियान चलाए जा रहे हैं। ऐसे में नक्सली (Naxalites) संगठन बौखलाए हुए हैं और जवानों को नुकसान पहुंचाने की साजिशें रचते रहते हैं।
ताजा मामला ये है कि 16 सालों तक नक्सली क्षेत्रों में ड्यूटी करने वाले छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में पदस्थ एसएस ध्रुवे नक्सलियों के निशाने पर हैं।
दरअसल एसएस ध्रुवे कई नक्सली अभियान में शामिल रहे और इस दौरान करीब 313 नक्सली एनकाउंटर में मारे गए। यही वजह है कि नक्सली, उन्हें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।
अपनी बहादुरी की वजह से एसएस ध्रुवे को प्रमोशन मिला और वह आरक्षक से टीआई भी बन गए। लेकिन अब खबर ये है कि नक्सलियों ने उन्हें जिंदा या मुर्दा पकड़कर लाने वाले को एक करोड़ का इनाम देने की घोषणा की है।
एसएस ध्रुवे 1997 में मध्य प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए थे। उन्होंने पहली बार देवीसिंह यादव नाम के डकैत को पिस्टल और कारतूस के साथ जिंदा पकड़ा था। विभाजन के बाद वह 2003 में छत्तीसगढ़ मुख्यालय में तैनात हुए। इसके बाद उन्हें नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में पोस्टिंग मिल गई। वह 16 सालों तक दंतेवाड़ा में नक्सलियों के खिलाफ चलाए अभियानों में शामिल रहे।
नक्सली उनकी बहादुरी से घबरा गए और उन्हें धमकी भरे पर्चे भेजने लगे। उन्हें परिवार के अपहरण की भी धमकियां मिलीं। लेकिन नक्सलियों के खिलाफ अपने सख्त रवैये की वजह से वह चर्चित हुए और अपनी बहादुरी से भरी कार्रवाईयों की वजह से उन्हें प्रमोशन मिला। नक्सलियों के खिलाफ हुए कई एनकाउंटर्स में वह शामिल रहे हैं।
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