
एसपी डॉ अभिषेक पल्लव नक्सलियों (Naxalites) का मन बदलने के लिए अपनी पढ़ाई का बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। लोन वर्राटू अभियान (घर वापसी) तो पहले ही पूरे देश में सुर्खियों में है, जिसके तहत कई नक्सली अब तक सरेंडर कर चुके हैं
जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा से पॉजिटिव खबर सामने आई है। दरअसल यहां के एसपी डॉ अभिषेक पल्लव नक्सलियों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए जो अभियान चला रहे हैं, वह पूरे देश में चर्चा का विषय बन रहा है।
एसपी डॉ अभिषेक पल्लव नक्सलियों (Naxalites) का मन बदलने के लिए अपनी पढ़ाई का बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। लोन वर्राटू अभियान (घर वापसी) तो पहले ही पूरे देश में सुर्खियों में है, जिसके तहत कई नक्सली अब तक सरेंडर कर चुके हैं, वहीं एसपी डॉ अभिषेक पल्लव नक्सलियों के मन को जानकर उनकी विचारधारा को बदलने की कोशिश में लगे हैं।
बता दें कि एसपी डॉ अभिषेक पल्लव मनोचिकित्सा विज्ञान में एमडी हैं। नक्सल विरोधी अभियान के दौरान वह दवाओं का थैला लेकर जाते हैं और बीमार आदिवासियों का इलाज करते हैं।
नक्सलियों के मामले में डॉ पल्लव की मनोविज्ञान की पढ़ाई बेहद काम आ रही है। उनका कहना है कि जंगल के युवाओं का मन बेहद नाजुक होता है। पहले वह ये मानने को तैयार नहीं होते कि उन्होंने नक्सल संगठन छोड़ दिया है। बाद में उनमें अपराध बोध की भावना पनपती है। इसके बाद उनमें क्रोध पैदा होता है। इन सबके बाद वह डिप्रेशन का शिकार होते हैं। इन सब चरणों के बाद उनके मन में ये बात आती है कि अब उन्हें पुलिस की मदद करनी है।
पुलिस सरेंडर करने वाले नक्सलियों का उत्साहवर्धन करती है और उन्हें समझाकर मुख्यधारा से जुड़ने की प्रेरणा देती है। बता दें कि एसपी डॉ अभिषेक पल्लव के प्रयासों का ही नतीजा है कि बीते 2 महीने में अकेले दंतेवाड़ा में 200 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इन नक्सलियों में कई 5 से 8 लाख रुपए तक के इनामी हैं।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App