छत्तीसगढ़: सरेंडर करने के बाद तोड़े गए स्कूल को नक्सलियों ने फिर बनाया, अब अपने बच्चों को भी पढ़ाएंगे

लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के कलेक्टर और एसपी के सामने सरेंडर किया था। इसी दौरान नक्सलियों ने इलाके में स्कूल की मांग की थी।

Naxalites

लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर नक्सलियों (Naxalites) ने दंतेवाड़ा के कलेक्टर और एसपी के सामने सरेंडर किया था। इसी दौरान नक्सलियों ने इलाके में स्कूल की मांग की थी।

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान जारी है। इस बीच एक पॉजिटिव खबर सामने आई है। दंतेवाड़ा के मासापारा में प्राथमिक शाला की नई बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है। हैरानी की बात ये है कि इसे 6 साल पहले जिन नक्सलियों ने तोड़ दिया था, उन्हीं नक्सलियों ने सरेंडर करने के बाद 3 महीने में इसे फिर से बनाकर खड़ा कर दिया।

बता दें कि लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर नक्सलियों (Naxalites) ने दंतेवाड़ा के कलेक्टर और एसपी के सामने सरेंडर किया था। इसी दौरान नक्सलियों ने इलाके में स्कूल की मांग की थी। कलेक्टर ने भी इसकी फौरन मंजूरी दे दी थी। इसके बाद गांव के लोग और सरेंडर कर चुके नक्सलियों ने भारी बारिश के बीच भी काम किया और स्कूल तैयार कर दिया।

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इस स्कूल के दोबारा बनने से आस-पास के लोग बेहद खुश हैं। सरेंडर कर चुके नक्सली भी अपने बच्चों को अब यहीं पढाएंगे। स्कूल बनने की पुष्टि दंतेवाड़ा के जिला कलेक्टर दीपक सोनी ने की। उन्होंने बताया कि भांसी मासापारा का स्कूल बनकर तैयार हो गया है। सरेंडर कर चुके नक्सलियों और गांव के लोगों ने इस पर काम किया है।

वहीं इसके अलावा पोटाली गांव के स्कूल को भी बनाने की तैयारी की जा रही है।

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