छत्तीसगढ़: नक्सलियों ने कबूला, 144 जवानों, 35 नेताओं समेत 250 की हत्या की

पीएलजीए सप्ताह से ठीक पहले नक्सलियों ने एक प्रेस नोट जारी किया है और बीते सालों में हुई नक्सल वारदातों का ब्योरा दिया है।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर

प्रेस नोट में ये भी लिखा है कि पीएलजीए स्थापना की 20वीं वर्षगांठ पर होने वाले सभी आयोजनों में मारे गए नक्सली (Naxalites) साथियों के परिजन भी शामिल होंगे। यहीं नहीं इसमें संगठन विस्तार पर भी जोर दिया गया है।

सुकमा: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है, फिर भी नक्सली अपनी हरकतों को अंजाम देने से बाज नहीं आते हैं। ताजा मामला ये है कि नक्सली (Naxalites) इस साल पीएलजीए स्थापना की 20वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और उनका पीएलजीए सप्ताह बुधवार से शुरू भी हो गया है।

पीएलजीए सप्ताह से ठीक पहले नक्सलियों (Naxalites) ने एक प्रेस नोट जारी किया है और बीते सालों में हुई नक्सल वारदातों का ब्योरा दिया है। इस प्रेस नोट को नक्सलियों की दरभा डिवीजनल कमेटी के सचिव साईनाथ के नाम से जारी किया गया है।

प्रेस नोट में पीएलजीए स्थापना की 20वीं वर्षगांठ पर संगठन के संस्थापकों को याद किया गया है। इसमें ये बात भी कही गई है कि जनता के बीच नक्सल युद्ध की कार्रवाईयों को प्रचारित किया जाए।

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नक्सली प्रेस नोट के मुताबिक, ‘पीएलजीए की स्थापना के बाद दरभा डिवीजन क्षेत्र में हुई नक्सली घटनाओं में 144 पुलिस व सीआरपीएफ के जवानों की हत्या की गई है। इसके अलावा मुठभेड़ों में 118 पुलिस जवान घायल हुए। इसी दौरान नक्सलियों ने 13 गोपनीय सैनिकों, 54 मुखबिरों, 35 राजनेताओं, 5 गद्दारों की हत्या की। सुरक्षा बल के जवानों से 85 हथियार भी लूटे गए।’

प्रेस नोट में ये भी लिखा है कि पीएलजीए स्थापना की 20वीं वर्षगांठ पर होने वाले सभी आयोजनों में मारे गए नक्सली साथियों के परिजन भी शामिल होंगे। यहीं नहीं इसमें संगठन विस्तार पर भी जोर दिया गया है।

बता दें कि बीते 13 सालों में पीएलजीए के लड़ाकों ने डिवीजन के अंतर्गत 23 गुरिल्ला युद्धों को अंजाम दिया।

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