छत्तीसगढ़ : सुरक्षाबलों की कार्रवाई से बौखलाए नक्सली, जारी किया ये फरमान

दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान के तहत 108 नक्सली (Naxalites) आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इनमें कई तो लाखों रुपए के इनामी हैं।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर।

दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान के तहत 108 नक्सली (Naxalites) आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इनमें कई तो लाखों रुपए के इनामी हैं।

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने नक्सलवाद की कमर तोड़ दी है। यहां लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान चलाया जा रहा है, जिसकी वजह से नक्सली (Naxalites) बौखलाए हुए हैं। चूंकि नक्सली सुरक्षाबलों के सामने अपनी हिटलरशाही नहीं चला सकते, इसलिए वह भोले-भाले ग्रामीणों पर गांव छोड़ने का दबाव बना रहे हैं।

बता दें कि दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान के तहत 108 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इनमें कई तो लाखों रुपए के इनामी हैं।

नक्सलियों का सफाया करने के लिए अब सुरक्षाबल जंगलों में भी ऑपरेशन चला रहे हैं, इससे नक्सलियों की ताकत कम हो रही है और ग्रामीणों के बीच उनका वर्चस्व कम हो रहा है।

वहीं गांव में जिन परिवारों के लोग पुलिस या डीआरजी में हैं, नक्सली उन्हें निशाना बना रहे हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि ऐसा करने से वह लोगों में अपनी दहशत फिर से फैला लेंगे।

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हालही में नक्सलियों ने सुकमा जिले में दो, नारायणपुर जिले में एक और दंतेवाड़ा जिले में 5 परिवारों को गांव से बाहर निकाल दिया है। पुलिस का कहना है कि बौखलाए नक्सली अपने मकसद में नाकाम होने की वजह से ये सब कर रहे हैं।

कोंटा के मुरलीगुड़ा में मंगलवार को एसडीओपी ने ग्रामीणों की बैठक ली थी। इसके फौरन बाद बुधवार को नक्सलियों ने यहां परचे फेंके। इन परचों में लोन वर्राटू अभियान का विरोध किया गया है।

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वहीं गांवों में हालात ये हैं कि जो ग्रामीण नक्सलियों के बहकावे में आकर नक्सल संगठनों की ओर आकर्षित हुए थे, वह अब आत्मसमर्पण की नीति अपना रहे हैं और लोन वर्राटू अभियान के तहत वापस मुख्यधारा में लौट रहे हैं। सरेंडर करने पर उन्हें कई तरह की सरकारी योजनाओं का फायदा मिलता है।

दंतेवाड़ा के एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव का कहना है कि ग्रामीणों को नक्सलवाद का सच समझ आ चुका है। वे जान चुके हैं कि नक्सली कोई भलाई का काम नहीं करते बल्कि ग्रामीणों का विकास नहीं होने देना चाहते। अपनी सच्चाई खुलने की वजह से नक्सली बौखलाए हुए हैं और इसलिए ग्रामीणों के साथ मार-पीट कर रहे हैं।

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