रक्षाबंधन के मौके पर दंतेवाड़ा (Dantewada) में एक बहन के कहने पर 8 लाख के इनामी नक्सली ने सरेंडर कर दिया और समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर बहन से पहली बार राखी बंधवाई।
दंतेवाड़ा: कहते हैं कि दुनिया के सबसे मजबूत रिश्तों में से एक होता है भाई और बहन का रिश्ता। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है।
रक्षाबंधन के मौके पर दंतेवाड़ा (Dantewada) में एक बहन के कहने पर 8 लाख के इनामी नक्सली ने सरेंडर कर दिया और समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर बहन से पहली बार राखी बंधवाई।
बहन ने जब पहली बार भाई के हाथों में राखी बांधी तो वह भावुक हो गई। इस मौके पर सरेंडर कर चुके नक्सली महेश ने बताया कि हर रक्षाबंधन पर बहन की इच्छा होती थी कि मैं घर जाऊं लेकिन नक्सली संगठन रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाने देते थे।
नक्सली कहते थे कि ये साम्राज्यवादी त्यौहार है और हम आदिवासी लोग ये त्यौहार नहीं मनाते हैं। ऐसे में पहली बार ऐसा हुआ है कि मेरी बहन ने मुझे राखी बांधी।
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