छत्तीसगढ़: दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान का कमाल, एक साल में 100 इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर

28 जून को लोन वर्राटू अभियान (Lone Varratu campaign) को एक साल पूरा हो गया है। बीते साल 28 जून 2020 को इस अभियान की दंतेवाड़ा से शुरुआत हुई थी।

Loan Varratu campaign

सांकेतिक तस्वीर

Lone Varratu campaign: बीते साल 28 जून 2020 को इस अभियान की दंतेवाड़ा से शुरुआत हुई थी और सबसे पहले नक्सलियों के कटेकल्याण एरिया कमेटी के 2 लाख रुपए के इनामी नक्सली भीमा ने सरेंडर किया था।

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। लोन वर्राटू अभियान (Lone Varratu campaign) के तहत इस जिले में एक साल में 100 इनामी नक्सलियों ने सरेंडर किया है और अब तक कुल 378 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं।

28 जून को लोन वर्राटू अभियान (Lone Varratu campaign) को एक साल पूरा हो गया है। बीते साल 28 जून 2020 को इस अभियान की दंतेवाड़ा से शुरुआत हुई थी और सबसे पहले नक्सलियों के कटेकल्याण एरिया कमेटी के 2 लाख रुपए के इनामी नक्सली भीमा ने सरेंडर किया था। इस नक्सली ने कलेक्टर दीपक सोनी व SP डॉ अभिषेक पल्लव के सामने हथियार डाले थे। इसके बाद एक जुलाई को भांसी इलाके में 18 नक्सलियों ने सरेंडर किया था।

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SP डॉ अभिषेक पल्लव के अनुसार, सालभर में जिले में 1 करोड़ 85 लाख रुपए के इनामी नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है।

जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया, उन्हें सरकार की तरफ से कई योजनाओं का फायदा मिला है और उन्हें खेती के अवसर भी दिए गए हैं। कई सरेंडर करने वाले नक्सली DRG का भी हिस्सा बने हैं।

अब नक्सलियों के लिए लोन वर्राटू पार्ट-2 पर फोकस किया जा रहा है। जिसके तहत सरेंडर करने वाले नक्सलियों को पहचान दी जा रही है, यानी उनके आधार कार्ड, वोटर कार्ड और बैंक खाते खोले जा रहे हैं।

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