छत्तीसगढ़: कोर्ट से बरी होने के फौरन बाद फिर गिरफ्तार हुआ हार्डकोर नक्सली गोपन्ना, जानें वजह

हार्डकोर नक्सली गोपन्ना दर्जनों नक्सल मामलों में बीते डेढ़ दशक से जेल में बंद है। गोपन्ना को मंगलवार को दंतेवाड़ा सत्र न्यायालय ने एक दर्जन मामलों से बरी करने का आदेश दिया था।

Naxalites

सांकेतिक फोटो

हार्डकोर नक्सली (Naxalites) गोपन्ना दर्जनों नक्सल मामलों में बीते डेढ़ दशक से जेल में बंद है। गोपन्ना को मंगलवार को दंतेवाड़ा सत्र न्यायालय ने एक दर्जन मामलों से बरी करने का आदेश दिया था। ऐसे में गोपन्ना का प्रोफेसर भाई बुधवार को उसे लेने पहुंचा।

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। ताजा मामला हार्डकोर नक्सली गोपन्ना से जुड़ा हुआ है।

दरअसल हार्डकोर नक्सली (Naxalites) गोपन्ना दर्जनों नक्सल मामलों में बीते डेढ़ दशक से जेल में बंद है। गोपन्ना को मंगलवार को दंतेवाड़ा सत्र न्यायालय ने एक दर्जन मामलों से बरी करने का आदेश दिया था। ऐसे में गोपन्ना का प्रोफेसर भाई बुधवार को उसे लेने पहुंचा।

लेकिन जैसे ही गोपन्ना जेल के बाहर निकला, वैसे ही जेल के गेट से पुलिस उसे फिर उठा ले गई। दरअसल गोपन्ना पर साल 1997-98 में जारी वारंट लंबित पाया गया।

अब गोपन्ना के भाई का कहना है कि ये पुलिस की क्रूरता है। बता दें कि हार्डकोर नक्सल गोपन्ना को पहली बार 4 मई 2007 को गरियाबंद से गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ 15 मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद से ही वह केंद्रीय जेल में बंद था। 2014 में उसे सभी 15 मामलों में रिहा करने का आदेश दिया गया। लेकिन पुलिस उसे फिर पुराने स्थाई वारंट का हवाला देकर गिरफ्तार कर ले गई। इसके बाद उस पर दंतेवाड़ा जिले के 12 व बस्तर के 2 और मामले दर्ज किए गए।

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इसके बाद से गोपन्ना केंद्रीय जेल जगदलपुर में बंद था। बीते 8 दिसंबर को दंतेवाड़ा सत्र न्यायालय द्वारा उसे 14 मामलों में बरी किया गया, लेकिन बुधवार सुबह उसे फिर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि पुलिस का कहना है कि गोपन्ना रेड्डी तेलंगाना का निवासी है और वह 2004-06 में स्टेट जोनल कमेटी का सदस्य था।

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